सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के चौथे संस्करण में कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि आज कोर्ट पर काम का दबाव है. इस सवाल पर कि इंडियन ज्यूडिशियरी का क्या रोडमैप होना चाहिए, पूर्व सीजेआई ने कहा कि यह रोडमैप बनाते का उचित फोरम नहीं है. इसका उचित फोरम कहीं और है. उन्होंने कहा कि मेरे दिमाग में रोडमैप है राइट मैन फॉर राइट जॉब.
गोगोई ने कहा कि आज सभी अदालतों के पास बहुत ज्यादा केस पेंडिंग हैं. बहुत ज्यादा केस पेंडिग होने के कारण जल्द फैसला नहीं हो पा रहा है. इस सवाल पर कि आज लोगों को कानून पर भरोसा क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि क्योंकि कोर्ट में जल्द फैसला नहीं होता है. वहां तो बस तारीख पे तारीख मिलती है. इसलिए लोगों का भरोसा नहीं है.
पूर्व सीजेआई ने कहा कि आज हम भय के माहैल में जी रहे हैं. लेकिन जज और पूर्व जज को हमलों से घबराना नहीं चाहिए. अगर किसी न्यायाधीश ने बड़ा फैसला किया है तो रिटायरमेंट के बाद उसे धमकी दी जाती है. ऐसे लोग चाहते हैं कि अगर उनके अनुसार फैसला नहीं होगा तो वे हमला करेंगे, लेकिन जज को इससे डरना नहीं चाहिए.
रंजन गोगोई ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के चौथे संस्करण ''प्वाइंट ऑफ व्यू: द थर्ड पिलर: रोडमैप फॉर इंडियन ज्यूडिशियरी'' सेशन में बोलते हुए दो दिन पहले संसद में लगे आरोप पर जवाब दिया. रंजन गोगोई ने कहा कि जो आरोप लगा रहे हैं उनके पास सही फैक्ट तक नहीं है. उन्होंने कहा कि संसद में एक महिला मेंबर ने आरोप लगाया लेकिन उनकी हिम्मत नहीं है कि वो मेरा नाम लें. मेरा नाम है, क्यों नहीं मेरा नाम लिया.
इस सवाल पर कि राफेल, अयोध्या पर फैसलों के बदले उन्हें राज्यसभा सीट मिली? रंजन गोगोई ने कहा, ''लोग कहते हैं कि मैने बारगेनिंग की. क्या मैं बारगेनिंग करता तो इतनी छोटी चीज मांगता राज्यसभा की सीट? मैंने राज्यसभा से एक भी पैसा नहीं लिया.'' उन्होंने सवाल किया क्या आपको ये पता है कि मैंने राज्यसभा का पैसा नहीं लिया.
किसानों के आंदोलन पर, पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा कि कहा, 'यदि इन सभी कानूनों को चुनौती दी जा रही है तो इस पर कुछ राजनीतिक लोगों को काम करना होगा. मुझे उम्मीद है कि अदालत कुछ रास्ता निकाल सकती है. इस पर कानूनी या राजनीतिक रूप से समाधान निकालना होगा. हालांकि यह हो नहीं रहा है. SC ने कहा है कि यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला है.'