भारत सरकार ने सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाने की मंजूरी दे दी है, जहां वे आगामी 5 नवंबर को गुरु नानक देव के 555वें प्रकाश पर्व में शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक, इस अवसर पर विशेष जत्था पाकिस्तान जाएगा और वहां स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारों में माथा टेककर धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेगा.
भारत-पाकिस्तान तनाव चरम पर
हर साल बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु इस मौके पर पाकिस्तान के ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब सहित अन्य गुरुद्वारों में दर्शन के लिए पहुंचते हैं. हालांकि इस साल पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है.
सिख समुदाय को लंबे समय से था इंतजार
इस साल प्रकाश पर्व के मौके पर सिख जत्थे की पाकिस्तान यात्रा को भारत सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर मंजूर मिल गई है. सुरक्षा और यात्रा से जुड़े इंतजामों पर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच समन्वय किया जाएगा. धार्मिक भावना और आस्था से जुड़ी इस यात्रा का सिख समुदाय लंबे समय से इंतजार कर रहा था.
MHA ने जारी की थी पाकिस्तान ना जाने की सलाह
हाल ही में गृह मंत्रालय ने एक परामर्श जारी किया था, जिसमें नवंबर में होने वाले गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर सिख श्रद्धालुओं के जत्थों को पाकिस्तान जाने से रोकने की बात कही गई थी. यह परामर्श 12 सितंबर को छह राज्यों को भेजा गया था और इसमें सुरक्षा परिस्थितियों के साथ-साथ पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का भी जिक्र किया गया था.
14 सितंबर को हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद यह मुद्दा और गरमा गया. कई राजनीतिक दलों और सिख समुदाय के नेताओं ने सरकार के इस कदम पर सवाल खड़े किए. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे 'दोहरा रवैया' बताया था. उनका कहना था कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले हो सकते हैं, तो फिर धार्मिक यात्राओं पर रोक क्यों लगाई जा रही है.