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'मैं 20 साल से तैयार हूं, पर वो मुझे पसंद नहीं करते', राहुल गांधी के मेंटर बनने के सवाल पर बोले मणिशंकर अय्यर

मणिशंकर अय्यर ने गांधी परिवार के साथ अपने संबंधों के बारे में बोलते हुए कहा, 'दोस्ती जारी है. वे मुझे दुश्मन के तौर पर नहीं देखते, लेकिन राहुल (गांधी) को लगता है कि मैं बहुत बूढ़ा हो गया हूं और मैं इस पर आपत्ति जताता हूं. मैं बूढ़ा नहीं हूं. आप कोई और कारण ढूंढ़ लें कि आप मुझे पार्टी में क्यों नहीं चाहते और मुझसे सलाह क्यों नहीं लेना चाहते.'

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मणिशंकर अय्यर. (PTI Photo)
मणिशंकर अय्यर. (PTI Photo)

कांग्रेस का वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर अपने एक इंटरव्यू को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने पूर्व पीएम राजीव गांधी की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी की थी. इसी इंटरव्यू में उन्होंने गांधी परिवार के साथ अपने संबंधों के बारे में बात की है.

एक यूट्यूब पोर्टल को दिए इंटरव्यू में मणिशंकर से जब गांधी परिवार के साथ अपने संबंधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'दोस्ती जारी है. वे मुझे दुश्मन के तौर पर नहीं देखते, लेकिन राहुल (गांधी) को लगता है कि मैं बहुत बूढ़ा हो गया हूं और मैं इस पर आपत्ति जताता हूं. मैं बूढ़ा नहीं हूं. आप कोई और कारण ढूंढ़ लें कि आप मुझे पार्टी में क्यों नहीं चाहते और मुझसे सलाह क्यों नहीं लेना चाहते.'

'मैं 20 साल से हूं तैयार'

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राहुल गांधी के मार्गदर्शन और को पुनजीर्वित करने में मदद करने के लिए तैयार हैं? तो उन्होंने चर्चा के दौरान आगे कहा कि मैं 20 साल से उनका मार्गदर्शन करने के लिए तैयार हूं, लेकिन वह ऐसा नहीं चाहते. वो मुझे नापसंद करते हैं और मैं कौन होता हूं, उन पर अपनी राय थोपने वाला? 

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अय्यर ने कहा, उन्हें उम्मीद है कि कुछ लोग राहुल गांधी के पास उनके बारे में शिकायत करने जाएंगे और इससे वह उनकी टिप्पणियों पर गौर करेंगे.

'राहुल गांधी मुझसे नहीं मिलते'

इसके इतर जब उनसे ये पूछा गया कि क्या वह व्यक्तिगत रूप से राहुल गांधी से मिलकर मतभेदों को दूर क्यों नहीं करते तो उन्होंने कहा, अगर वे नहीं मिलेंगे तो मैं उनसे कैसे मिलूंगा?.

उन्होंने साल 2004 का एक किस्सा सुनाते हुए कहा, एक बार मेरी पत्नी सुनीता ने राहुल से कहा कि वह मेरी बातें न सुनें. तो राहुल ने जवाब दिया, मैं हमेशा उनकी बातें सुनूंगा. क्योंकि वे मेरे पिता के दोस्त हैं और मेरे पिता हमेशा उनकी बातें सुनते थे. लेकिन अब वह मुझसे नहीं मिलते और ना ही प्रिंयका गांधी मुझसे मिलती हैं. सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं है, लेकिन मैं किसी से नहीं मिल सकता और मैं उन्हें क्यों परेशान करूं? क्या मैं जाकर सांसद का पद मांगूं?

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