हैदराबाद के निजाम की विरासत से जुड़े मामलों को जल्द निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया है. ये मामला हाई कोर्ट में 1952 से है लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जल्द से जल्द मामला निपटाने का आदेश दिया है.
सैयद जाहिद अली ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि उनका मामला 70 सालों से लंबित है. इसकी जल्द सुनवाई पूरी कर इसे निपटाया जाय.
सैयद जाहिद अली ने कहा है कि निचली अदालत से उनके हक में तीन फैसले आए हैं. इन सभी फैसलों में उन्हें निजाम सालारजंग का वारिस घोषित किया गया है और निजाम की सभी चल अचल प्रॉपर्टी उनके हवाले करने का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें निजामिया खानदान का वारिस होने का सर्टिफिकेट भी दिया गया है. सैयद जाहिद अली ने इस बाबत कई पत्र केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखे हैं. लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इसलिए मामला हाईकोर्ट में लंबित है.
सैयद जाहिद अली ने अपनी याचिका में कहा है कि 1950 में एक याचिका दाखिल कर उनकी संपत्ति को गलत तरीके से लेने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि 1950 से 6 कोर्ट आदेश पास किए गए हैं जिनमें संपत्ति पर उनके दावे को सही ठहराया गया है. उत्तराधिकार प्रमाण पत्र में उन्हें सभी संपत्ति का उत्तराधिकार बताया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश जस्टिस एस ए बोबडे ने चिंता और हैरानी जताई कि इतने सालों से मामला आखिर क्यों और कैसे लंबित है. चीफ जस्टिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को मामले का जल्द निपटारा करने को कहा है.