हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार के पास गुलज़ार हाउस की एक बिल्डिंग में रविवार को भीषण आग लगने से आठ बच्चों समेत 17 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
इस दर्दनाक हादसे पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये अनुग्रह राशि और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाने का ऐलान किया. साथ ही तेलंगाना के मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने कहा कि राज्य सरकार मामले की जांच के बाद मृतकों के परिजनों 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर सकती है.
इस दुख हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. पीएम ने एक्स पर लिखा, 'हैदराबाद में आग लगने की घटना में लोगों की मौत से बहुत दुखी हूं.'
पीएम ने हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले के प्रति संवेदनाएं प्रकट की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. पीएम ने एक्स पर लिखा, 'हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.'
साथ ही पीएम ने मृतकों को परिजनों को पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाने की घोषणा की है.
Deeply anguished by the loss of lives due to a fire tragedy in Hyderabad, Telangana. Condolences to those who have lost their loved ones. May the injured recover soon.
An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the next of kin of each deceased. The injured would be…
— PMO India (@PMOIndia) May 18, 2025
पुलिस के अनुसार, हादसे में मृत लोगों की पहचान 30 वर्षीय अभिषेक मोदी, राजेंद्र कुमार (67), मुन्नीभाई (72), सुमित्रा (65), इराज (2 वर्ष), आरुषि जैन (17), हर्षाली गुप्ता (7 वर्ष) और शीतज जैन (37) के रूप में की गई है. पीड़ितों में दो बच्चे और एक नाबालिग है.
पुलिस का कहना है कि अब तक रेस्क्यू टीम ने 10 से 15 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया लिया है. स्थानीय विधायक ने स्थिति का आकलन करने और राहत प्रयासों में समन्वय स्थापित करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया है.
तेलंगाना आपदा प्रतिक्रिया और अग्निशमन सेवा महानिदेशक, वाई नागी रेड्डी ने कहा, 'कृष्णा पर्ल्स की दुकान और गुलजार हाउस क्षेत्र में आवासीय परिसर में आग लगने की घटना हुई. अग्निशमन विभाग को सुबह 6:16 बजे कॉल मिली और 6:17 बजे तक पर्याप्त कर्मचारियों के साथ 11 दमकल गाड़ियों को भेजा गया... अग्निशमन विभाग ने लोगों को बचाने के लिए श्वास ऑपरेटर और ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल किया.
'शॉर्क सर्किट से लगी आग'
उन्होंने कहा कि हम 17 लोगों बच नहीं पाए... शुरुआती जांच से पता चलता है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट था... आग से लड़ने और लोगों को बचाने में अग्निशमन विभाग की कोई कमी नहीं थी... इमारत में सुरंग की तरह केवल दो मीटर का एक प्रवेश द्वार था. पहली और दूसरी मंजिल तक पहुंचने के लिए केवल एक मीटर की सीढ़ी है. इससे बचने और बचाव अभियान बहुत मुश्किल हो गया. सुबह 9 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया... कुल 21 लोग इमारत के अंदर थे.
वहीं, केंद्रीय मंत्री और राज्य भाजपा प्रमुख जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के मंत्री पोन्नम प्रभाकर भी रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण करने पहुंचे. चारमीनार के पूर्व विधायक और एआईएमआईएम नेता मुमताज अहमद खान भी मौके पर मौजूद थे.
'मैं किसी को दोष नहीं दे रहा...'
मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, 'आग एक परिवार के स्वामित्व वाली मोती की दुकान में लगी. ये घटना शॉर्ट सर्किट के कारण हुई है. दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हुए हैं. मैं किसी को दोष नहीं दे रहा, लेकिन हैदराबाद एक तेजी से विकसित हो रहा शहर है, इसलिए पुलिस, नगरपालिका, अग्निशमन और बिजली विभागों को मजबूत किया जाना चाहिए.'
तेलंगाना सरकार में मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने हादसे के बारे में बात करते हुए कहा, 'आग सुबह 6:00 बजे के आसपास लगी और 6:16 बजे तक तेलंगाना फायर विभाग घटनास्थल पर मौजूद था. उन्होंने सभी को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से आग पहले ही बड़े पैमाने पर फैल चुकी थी. इमारत के अंदर मौजूद अधिकांश लोगों की जान चली गई है.'
इसके अलावा मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घटना पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित मंत्री पोन्नम प्रभाकर से बात की है. मुख्यमंत्री ने आग से प्रभावित परिवारों को सांत्वना देने के लिए फोन पर भी बात की.
मुख्यमंत्री ने मंत्री प्रभाकर को आपदा से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया. उन्होंने आग में घायल हुए लोगों के लिए सर्वोत्तम संभव चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने पर जोर दिया.
इसके अलावा, रेवंत रेड्डी ने महानिरीक्षक नागिरेड्डी को घटनास्थल पर रहने और चल रहे बचाव कार्यों की बारीकी से निगरानी करने का निर्देश दिया.