गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई और मोस्ट वांटेड आरोपी अनमोल बिश्नोई को पटियाला हाउस कोर्ट ने 11 दिन की NIA कस्टडी में भेज दिया है. यह फैसला उस समय आया जब NIA ने कोर्ट के सामने तर्क दिया कि अनमोल से कस्टोडियल पूछताछ बेहद जरूरी है, क्योंकि उसके खिलाफ 35 से ज्यादा हत्याकांड, 20 से अधिक अपहरण, फिरौती, धमकी और हिंसा से जुड़े मामलों में प्रत्यक्ष संलिप्तता के मजबूत सबूत मिले हैं.
दरअसल, अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से भारत में डिपोर्ट किया गया है. NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता अनमोल को 19 नवंबर को IGI एयरपोर्ट पर NIA और दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने गिरफ्तार किया. उसे सीधे सुरक्षा घेरे में पटियाला हाउस कोर्ट ले जाया गया, जहां कोर्ट ने उसे रिमांड पर भेज दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे घटनाक्रम की इन-कैमरा सुनवाई की गई, जिसमें मीडिया सहित बाहरी लोगों को प्रवेश नहीं दिया गया.
एजेंसी ने कोर्ट में दलील दी कि अनमोल के पास भारत के दो पासपोर्ट मिलने का मामला फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल की ओर इशारा करता है, जो उसके आपराधिक नेटवर्क की गहराई को दर्शाता है. मर्डर समेत तमाम संगीन मामलों की तह तक जाने के लिए कस्टोडियल पूछताछ बेहद जरूरी है, ताकि पता लगाया जा सके कि इन वारदातों को अंजाम देने में उसके साथ कौन-कौन शामिल थे, फाइनेंस कहां से आता था और अपराधों का संचालन किस नेटवर्क के जरिए किया जाता था.
अदालत ने दलीलें सुनने के बाद NIA को अनमोल बिश्नोई की 11 दिन की कस्टडी दे दी है, जिससे एजेंसी को उससे गहन पूछताछ करने और पूरे गिरोह की परत दर परत पड़ताल करने का मौका मिलेगा.
2023 में अमेरिका से पकड़ा गया था अनमोल
बता दें कि अनमोल, जो 2022 से फरार था, नवंबर 2023 में अमेरिका में पकड़ा गया था. वह सिद्धू मूसेवाला की हत्या, अभिनेता सलमान खान के घर पर फायरिंग और बाबा सिद्दीकी की हत्या सहित कई हाई-प्रोफाइल मामलों में वांछित था. NIA ने मार्च 2023 में दायर अपनी चार्जशीट में बताया था कि अनमोल ने 2020 से 2023 के बीच कनाडा स्थित आतंकवादी गोल्डी बराड़ और अपने भाई लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर कई आतंक और हिंसा के मामलों को अंजाम देने में सक्रिय भूमिका निभाई.