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अब तक 15 भगोड़े आर्थिक अपराधी घोषित, बैंकों को 26,645 करोड़ रुपये की लगाई चपत, सिर्फ 2 ने किया सेटलमेंट

केंद्र सरकार ने लोकसभा को बताया कि फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट के तहत अब तक 15 लोगों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित किया गया है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जानकारी दी कि इनमें से नौ मामलों में सरकारी बैंकों को भारी नुकसान हुआ है, जो कुल 26,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.

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नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या देश छोड़कर भाग चुके हैं. (Photo- ITG)
नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या देश छोड़कर भाग चुके हैं. (Photo- ITG)

केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण जानकारी दी, जिसके मुताबिक देश में अब तक कुल 15 लोगों को फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित उत्तर में बताया कि इनमें से नौ ऐसे मामले हैं, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है. कुल नुकसान का आंकड़ा 26,645 करोड़ रुपये है.

केंद्र सरकार के मंत्री के अनुसार, बैंकों ने अब तक FEOs से जुड़े खातों से 31,437 करोड़ रुपये की वसूली की है. हालांकि इनमें अधिकांश वसूली प्रवर्तन कार्रवाइयों, संपत्ति कुर्की, नीलामी और अन्य कानूनी उपायों के माध्यम से हुई है. इसके बावजूद 19,187 करोड़ रुपये अभी भी रिकवरी के दायरे से बाहर है.

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गौरतलब है कि केवल दो भगोड़े आर्थिक अपराधियों ने बैंकों के साथ वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) किया है, जो संदेसेरा समूह से जुड़े हैं. इनमें इंडियन बैंक के 244 करोड़ रुपये का सेटलमेंट (298.67 करोड़ रुपये की छूट) और पंजाब नेशनल बैंक (Sterling SEZ) के 365 करोड़ रुपये का सेटलमेंट (389.57 करोड़ रुपये की छूट) शामिल है.

नीरव मोदी, विजय माल्या और संदेसेरा ब्रदर्स सेटलमेंट प्रक्रिया में शामिल नहीं

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वहीं, नीरव मोदी, विजय माल्या और संदेसेरा ब्रदर्स जैसे बड़े आर्थिक अपराधी अब तक किसी भी सेटलमेंट प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए हैं. मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि सरकार संभावित आर्थिक अपराधियों को देश छोड़ने से पहले "प्री-डिपार्चर बैन लिस्ट" में डालने जैसी कोई योजना नहीं बना रही है. फिलहाल सरकार लुक-आउट सर्कुलर, PMLA और FEOA जैसे मौजूदा तंत्रों पर ही निर्भर है.

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बैंकों की हजारों करोड़ की देनदारियां बकाया

सरकार द्वारा प्रस्तुत सूची में प्रमुख विजय माल्या, नीरव मोदी और संदेसेरा ब्रदर्स के नाम शामिल हैं. इन मामलों में बैंकों की हजारों करोड़ की देनदारियां अब भी बकाया हैं. FEOA कानून आर्थिक अपराधियों को विदेश भागने पर रोक लगाने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने के लिए बनाया गया था. यह भारत का सबसे सख्त आर्थिक अपराध कानून माना जाता है, जिसके तहत FEO घोषित व्यक्ति भारत में कोई भी नागरिक दावा नहीं कर सकता जब तक वह देश वापस न लौटे.

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