'जोड़ियां तो आसमानों से ही बनकर आती है' इस कहावत को पेरिस की रहने वाली एक लड़की ने चरितार्थ कर दिया. भारतीय प्रेमी से शादी रचाने के लिए पेरिस की रहने वाली पेट्रिशिया सात समंदर पार कर भारत पहुंच गई और बंगाली रीति रिवाज से हुगली के पांडुआ में काली मंदिर में विवाह बंधन में बंध गई.
बता दें कि 4 महीने पहले सोशल नेटवर्किंग साइट् द्वारा युवक-युवती एक दूसरे से मिले थे जिसके बाद ऑनलाइन चैटिंग के माध्यम से दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे.
हुगली के पांडुआ के रहने वाले युवक कुंतल भट्टाचार्य को फ्रांस की राजधानी पेरिस में रहने वाली युवती पेट्रिशिया से प्यार हो गया.
पेट्रिशिया मां काली की बड़ी भक्त है और उसने अपने प्रेमी कुंतल से यह गुजारिश की थी कि उनका विवाह सामाजिक तामझाम के आयोजनों में ना होकर मां काली के मंदिर में संपन्न कराई जाए.

अपनी प्रेमिका द्वारा सुझाए गए प्रस्ताव पर हामी भरते हुए कुंतल हुगली के पांडुआ के विख्यात सिमलागढ़ काली मंदिर में पेट्रिशिया के साथ शादी रचाई. बंगाली रीति रिवाज और बंगाली पहनावे में दूल्हा-दुल्हन मंदिर पहुंचे और वहां सभी रस्मों को पूरा किया.
इस दौरान कुंतल ने बंगाली कुर्ते-पायजामे में तो पेट्रिशिया ने लाल साड़ी के जोड़े में अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए. इसके बाद दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर सात जन्मों तक साथ निभाने की शपथ ली. 
कुंतल भट्टाचार्य ने बताया कि दिल्ली के एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करते समय एक सोशल नेटवर्किंग साइट के माध्यम से उसकी जान पहचान पेट्रिशिया से हुई. धीरे-धीरे ऑनलाइन चैटिंग के माध्यम से दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा. जिसके बाद उन्होंने फैसला कर लिया कि आगे की जिंदगी वो साथ गुजारेंगे.
बस फिर क्या था अपने प्रेमी की पुकार पर शादी के लिए हामी भरते हुए पेट्रिशिया फ्रांस की राजधानी पेरिस से सात समंदर पार कर दिल्ली चली आई. इसके बाद वो साथ में कोलकाता पहुंचे.
कई दिनों तक दोनों ने कोलकाता की खूबसूरत नजारों का खूब लुफ्त उठाया. फिर कुंतल ने पैतृक घर के समीप हुगली के पांडुआ के सिमलागढ़ काली मंदिर में बंगाली रीति रिवाज से शादी कर ली.