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'मुझे मनमोहन सिंह जैसा नहीं होना', TMC सांसद की टिप्पणी पर वित्त मंत्री का पलटवार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष के एक-एक आरोप पर पलटवार किया. वित्त मंत्री ने टीएमसी सांसद प्रोफेसर सौगत रॉय को निशाने पर लिया और पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था के आंकड़े भी गिना दिए.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब दिया. वित्त मंत्री एससी-एसटी का बजट कम करने से लेकर दो राज्यों को छोड़कर बाकी की उपेक्षा और अग्निवीर, उद्योगपतियों को लेकर लगाए गए आरोप तक, विपक्ष के एक-एक वार पर पलटवार किया. निर्मला सीतारमण ने बजट को विकसित भारत का बजट बताते हुए कहा कि यह समावेशी बजट है. उन्होंने प्रोफेसर सौगत रॉय की ओर से बजट पर चर्चा के दौरान ऑक्सफोर्ड या हार्वर्ड से नहीं पढ़े होने का जिक्र करते हुए आइडिया की कमी वाली बात का भी जवाब दिया.

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोफेसर सौगत रॉय ने बजट पर चर्चा के दौरान कई मुद्दे उठाए. उन्होंने कहा कि बंगाल ने हमें 'वंदे मातरम' दिया जिसे 10 बार बोलने में भी हमें खुशी होती है. वित्त मंत्री ने प्रोफेसर रॉय के बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं वित्त मंत्री से मनमोहन सिंह जैसा होने की उम्मीद नहीं करता, वह न तो ऑक्सफोर्ड से पीएचडी हैं, ना ही चिदंबरम की तरह हार्वर्ड से मैनेजमेंट की डिग्री ली है. वह हमारे जेएनयू से हैं लेकिन समस्या ये है कि नए आइडियाज का अभाव है. इस बयान पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे मनमोहन सिंह जैसा नहीं होना.

वित्त मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री हमारे साथ जीएसटी काउंसिल की बैठक में छह बार शामिल हुईं और अच्छा योगदान दिया है. वह भी कलकत्ता यूनिवर्सिटी से पढ़ी हैं. क्या उनके पास भी नए आइडिया नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भी कलकत्ता यूनिवर्सिटी के कॉलेज से पढ़ी हैं. वह एक फाइटर हैं, उनका पूरा सम्मान करती हूं. क्या उनके पास भी आइडिया नहीं हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रोफेसर सौगत रॉय भी किसी इंडियन यूनिवर्सिटी या कॉलेज में ही पढ़ाते हैं, हार्वर्ड या ऑक्सफोर्ड में नहीं.

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उन्होंने कहा कि भारत में 1920 के बाद 2024 में अधिक असमानता है. इस बयान पर भरोसा नहीं सकती. ब्रिटिश काल में बंगाल ने सफर किया. हम सबने तब बंगाल के लोगों की तस्वीरें देखी हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि पूरे बंगाल का उत्पादन युद्ध के लिए भेज दिया गया था और तब का बंगाल समानता के मामले में 2024 के भारत से बेहतर था? यह किस तरह का शर्मनाक बयान इस सदन में दिया गया. उन्होंने कहा कि अब बंगाल की अर्थव्यवस्था पर आती हूं. आजादी के समय पश्चिम बंगाल का देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में 24 फीसदी हिस्सेदारी थी.

वित्त मंत्री ने कहा कि आज का नंबर आप जानना चाहेंगे, ये 3.5 फीसदी है. ग्रॉस कैपिटल फॉर्मेशन में भी गिरावट का ट्रेंड देखने को मिलता है. 2010 में पश्चिम बंगाल का कैपिटल फॉर्मेशन रेट 6.7 परसेंट था. आज यह केवल 2.9 परसेंट है. उन्होंने कहा कि ये व्हाइट पेपर की मांग कर रहे हैं. जरूर दूंगी व्हाइट पेपर. बंगाल का यह प्रदर्शन है अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर. वित्त मंत्री ने कहा कि कुल विदेशी निवेश की बात करें तो पश्चिम बंगाल एक फीसदी से भी कम निवेश आकर्षित कर पा रहा है. इस पर विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप सवाल करोगे तो जवाब सुनना पड़ेगा. आपने सवाल पूछा तो वित्त मंत्री जवाब दे रही हैं.

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वित्त मंत्री ने उद्योगपतियों पर टिप्पणी के लिए भी विपक्ष को घेरा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एंटरप्रेन्योर देश बनाने वाले हैं, इनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. एक इमेज बनाई जा रही है कि विदेशी निवेश के लिए भारतीय इंस्टीट्यूशंस सेफ नहीं हैं. हम सबको मिलकर इस कॉन्सपिरेसी से भी लड़ना है. वित्त मंत्री ने आरक्षण को लेकर पंडित नेहरू का आरक्षण को लेकर बयान भी पढ़ा और काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट, मंडल कमीशन की रिपोर्ट दरकिनार किए जाने की याद दिलाई. तब नारा था- न जात पर न पात पर, मुहर लगेगी हाथ पर. तब जात नहीं थी लेकिन आज फोटो में एससी-एसटी ओबीसी पूछा जा रहा है.

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