नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है तो वहीं मंगलवार को संसद में भी गतिरोध बरकरार रहा. लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में विपक्ष कृषि कानूनों, किसानों के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़ा रहा. मंगलवार को दिन में सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी. अंत में पहले राज्यसभा और फिर बाद में लोकसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
कांग्रेस ने संसद में स्थगन प्रस्ताव दिया है, जिसे लेकर बुधवार को भी हंगामे के आसार हैं. बहरहाल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान हंगामा करने की पहले भी परंपरा नहीं रही है. अब जो विपक्ष कर रहा है वो भी ठीक नहीं है. अगर उनको किसी भी मुद्दे पर चर्चा करनी है तो राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान वह अपनी बात रख सकते हैं. सरकार उस पर जवाब देगी. जितना टाइम चाहिए हम दे सकते हैं. लेकिन सबसे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होनी चाहिए.
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि जहां तक किसानों की बात है, मोदी सरकार ने जितना किसानों के लिए किया है, इससे पहले किसी सरकार ने उतना नहीं किया है. मैं विपक्ष से अपील करता हूं, व्यक्तिगत तौर पर भी, सरकार की ओर से भी कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करने दीजिए. उसमें अपनी बात रखें और प्रश्नकाल भी चलने दें.
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा कि सरकार कृषि कानून पर चर्चा के लिए तैयार है. सरकार किसानों से बात करने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि विपक्ष के रुख में कोई नरमी नजर नहीं आई. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान 150 से ज्यादा किसानों की जान चली गई. ऐसा लगता है कि हम फिर से ब्रिटिश काल में जा रहे हैं.
जींद में पंचायत, टिकैत भरेंगे हुंकार
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत बुधवार को हरियाणा के जींद में होने वाली महापंचायत में शामिल होने वाले हैं. इस दौरान हरियाणा के किसान और खाप मिलकर आगे आंदोलन की रूप रेखा तय करेंगे. राकेश टिकैत जींद में कंडेला खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर जनसभा को संबोधित करेंगे. कंडेला वही गांव है, जिसने राकेश टिकैत के आंसुओं के बाद सबसे पहले रोड जाम कर दिया और दिल्ली कूच कर आंदोलन को नई धार दी थी.
राकेश टिकैत ने आजतक से बातचीत में कहा कि समाधान बातचीत से होगा, दबाव से आंदोलन खत्म नहीं होगा. जींद जाने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि पंचायत में आंदोलन कैसे चलेगा, इस पर विचार विमर्श चलेगा. क्योंकि आंदोलन लंबा चलने वाला है. राकेश टिकैत ने कहा कि रोटी तिजोरी में बंद न हो, ये उसकी लड़ाई है, ये आम आदमी की लड़ाई है.
केसी त्यागी को मध्यस्थ बनाने की चर्चा
किसान संयुक्त मोर्चा के नेता धर्मेंद्र मलिक ने जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी को सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करने की बात कही है. लेकिन केसी त्यागी ने कहा कि इसके बारे सबसे पहले वो पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विचार विमर्श करेंगे. केसी त्यागी ने यह भी कहा कि उनके हिसाब से नीतीश कुमार या शरद पवार को सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करनी चाहिए.
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लापता किसान नौजवानों की चिंता
दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान लापता किसानों को लेकर तमाम संगठनों ने चिंता जाहिर की है. इस संबंध में किसान एकता मोर्चा ने लीगल कमेटी का गठन किया है. किसान मोर्चा ने लापता किसानों के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. समिति ने कहा कि पड़ोसी देश भी सीमा पार कर जाने वाले सैनिकों को लौटा देता है, लेकिन दिल्ली पुलिस लापता किसानों के बारे में छिपा रही है.
किसान प्रदर्शन पर गृह मंत्रालय ने बताया कि सितंबर से दिसंबर 2020 के बीच कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 39 मामले दर्ज किए है. दिल्ली की सीमा पर कृषि कानूनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्महत्या के एक मामले की सूचना मिली है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट में गणतंत्र दिवस की हिंसा को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट बुधवार को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. इसमें शीर्ष अदालत के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक आयोग बनाने की भी मांग की गई है.
किसानों के समर्थन में मार्च
दिल्ली में 3 फरवरी को जनसंगठन किसानों के समर्थन में मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च निकालेंगे. सामाजिक संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग की है. इन संगठनों ने हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करने की मांग की है.