किसान नेता दर्शन पाल (फाइल फोटो) दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तरफ से किसान नेता दर्शन पाल को नोटिस भेजा गया है. नोटिस में लिखा गया है आपने ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ जो करार हुआ था उसके नियमों का उल्लंघन किया है. आप के खिलाफ क्यों ना कानूनी कार्रवाई की जाए. दर्शन पाल से 3 दिन में जवाब मांगा गया है.
बीकेयू(भानु) के आंदोलन से हटने पर राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस को देखकर कौन रुकता है. यही उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि हम भी साक्ष्य रखेंगे. जो रास्ता रात को दिया गया था उसमें बैरिकेडिंग थी और दिल्ली जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग नहीं थी. टिकैत ने कहा कि 30 जनवरी को हम लोग उपवास रखेंगे और हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार मानते हैं. उन्होंने कहा कि कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई. अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन ज़िम्मेदार रहा है. कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले. यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन जारी रहेगा.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लाल किले में क्या हुआ, नांगलोई में हिंसा नहीं हुई? कांग्रेस के एक ट्वीट में कहा गया कि शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन को हिंसक बनाने के लिए उकसाया जा रहा है. कई पुलिसकर्मी हिंसा में घायल हुए. क्या ये शांतिपूर्ण मार्च था. यूथ कांग्रेस कहती है कि वो ट्रैक्टर रैली के साथ है. किस तरह के ट्रैक्टर. वो ट्रैक्टर जिससे पुलिस पर हमला किया गया, बसों को नुकसान पहुंचाया गया. ये सब होने के बाद राहुल गांधी निंदा करते हैं. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार और किसानों में 10 दौर की वार्ता हुई. सरकार 1.5 साल तक कृषि कानूनों पर रोक लगाने के लिए तैयार है. हम संशोधन के लिए तैयार हैं. कांग्रेस चाहती नहीं है समाधान निकले. जिस तरह की राजनीति कांग्रेस कर रही है हम उसकी निंदा तकरते हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दिल्ली हिंसा पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा निंदनीय है. जो भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. लाल किल में जिस तरह से तिरंगे का अपमान किया उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कांग्रेस लगातार किसानों को भड़का रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है. किसानों ने जब कहा कि 26 जनवरी को फाइनल मैच है तब राज्य सरकार को गिरफ्तारी करनी चाहिए थी. राहुल गांधी लगातार किसानों को उकसा रहे हैं. सीएए के दौरान भी उन्होंने ऐसा किया था. किसानों को जानबूझकर भड़काया जा रहा है. प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यूथ कांग्रेस और कांग्रेस से जुड़े अन्य संगठनों के ट्वीट इसके सबूत हैं.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कोई भी किसान नेता दोषी पाया जाता है तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा. पुलिस ने 25 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं. हमारे पास हिंसा से जुड़े वीडियो फुटेज हैं. हम चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 50 लोग हिरासत में हैं. किसान नेताओं ने दिल्ली पुलिस के साथ विश्वासघात किया.
More than 25 criminal cases have been registered by Delhi Police. We are using the facial recognition system and taking the help of CCTV and video footage to identify the accused. No culprit will be spared: Delhi Police Commissioner SN Shrivastava https://t.co/gLmOfI1DqH
— ANI (@ANI) January 27, 2021
पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. किसान नेता किसानों को उकसा रहे थे और वे वही थे जो पूर्व निर्धारित मार्गों पर जाने से इनकार कर रहे थे. हमारे पास ऐसे वीडियो हैं जो दिखा रहे हैं कि कैसे नेता किसानों को उकसा रहे थे. गाजीपुर से राकेश टिकैत की टीम ने बैरिकेड को तोड़ा और आगे बढ़ गए. पुलिस के सामने कई विकल्प थे लेकिन हमने संयम बरता. किसान नेता भी हिंसा में शामिल थे. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हिंसा में पुलिस की 30 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
दिल्ली में हुई हिंसा पर पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें 2 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की जानकारी मिली थी. जानकारी मिलते ही हमने किसान नेताओं से बात की. हमने 26 जनवरी को परेड नहीं निकालने को कहा, लेकिन वे दिल्ली में रैली निकालने पर अड़े रहे. दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि 25 जनवरी को हमने महसूस किया कि किसान उपद्रवी तत्वों को आगे बढ़ा रहे हैं. किसान नेता सतनाम सिंह पन्नु ने भड़काऊ भाषण दिया तो वहीं दर्शनपाल सिंह ने रूट फॉलो नहीं किया. उन्होंने किसानों को भड़काया. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमने किसान नेताओं को KMP का ऑप्शन दिया. उनकी सिक्योरिटी, मेडिकल सब्जी की सुविधा देने का हमने वादा किया था. सबसे पहले बोला गया कि 26 की जगह कोई और तारीख रख लें, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. किसान नेताओं ने दिल्ली में ही ट्रैक्टर मार्च निकालने की ठान ली थी. आखिरी मीटिंग में हमने 3 रूट दिए थे.
Police barricading being removed from Chilla Border.
— ANI UP (@ANINewsUP) January 27, 2021
Thakur Bhanu Pratap Singh, president of Bharatiya Kisan Union (Bhanu) who was protesting at Chilla border against #FarmLaws announced that they're ending the protest in wake of violence during farmers' tractor rally y'day. pic.twitter.com/wz24WPayZI
दिल्ली में कल हुई हिंसा के बाद किसानों ने NH-8 को खाली कर दिया है. रेवाड़ी के 20 गांवों की पंचायत ने किसानों को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. इसी के साथ दिल्ली-जयपुर हाइवे खाली हो गया. पिछले डेढ़ माह से मसानी बैराज पर बीच सड़क पर आंदोलनकारी धरना दे रहे थे.
नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने धरना समाप्त समाप्त कर दिया है. किसानों के द्वारा कहा गया कि कल दिल्ली मे हुई हिंसा से हम आहत हैं. किसानों को बदनाम करने वाले इन उपद्रवी तत्वों की वजह से हमारी साख पर बात आ पड़ी है. किसानों ने कहा है कि हमारे लिए देश ही सर्वप्रथम है. हम यह धरना प्रदर्शन खत्म कर रहे हैं और कल की घटना हमारे लिए निंदनीय है.नोएडा के ADCP रणविजय सिंह ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने चिल्ला बॉर्डर से अपना कृषि क़ानूनों के खिलाफ आंदोलन को खत्म कर दिया है. जो ट्रैफिक यहां किसानों के प्रदर्शन के कारण बाधित हो रखा था, अब हम उसे सुचारू रूप से चलाने का प्रयास कर रहे हैं.
ट्रैक्टर पैरेड से वापस आते समय हरियाणा के गोहाना के गांव बिचपडी के पास एक किसान की मौत हो गई. किसान की मौत ट्रैक्टर-ट्रॉली के नीचे आने से हुई. मृतक का नाम अजय है और वो 19 साल का था. बताया जाता है कि वो कैथल का रहने वाला था. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. बता दें कि इस गांव से 150 ट्रैक्टरों का जत्था टिकरी बॉर्डर पर आया था.
दिल्ली के समयपुर बादली में सभी 37 किसान नेताओं और अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट, हत्या की कोशिश ,साज़िश ,दंगा फैलाने ,सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिस पर हमला करने के तहत केस दर्ज हुआ है. ये एफआईआर मुकरबा चौक पर हिंसा को लेकर दर्ज हुई है.
गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद भले ही किसान संगठन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रखना चाहते हों, लेकिन दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बैठे किसानों के मनोबल पर पूरी घटना का विपरीत असर पड़ा है. सिंघु बॉर्डर पर 27 जनवरी की सुबह से ही किसान निराश हताश और उदास दिखाई पड़े. जिस सिंघु बॉर्डर के पहले स्टेज पर सुबह नेताओं के भाषण शुरू हो जाते थे वहां बुधवार की देर सुबह तक कोई किसान नेता मौजूद नहीं था. किसान मंच के सामने कालीन पर बैठ तो गए थे, लेकिन सबके चेहरे पर उदासी थी और माहौल में सन्नाटा पसरा था. किसान नेता मंच पर आए और घटना के लिए दीप सिद्धू जैसे दूसरे असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार बताया लेकिन भीड़ में बैठे किसानों के चेहरे के हाव भाव नहीं बदले. लुधियाना के किसान परमिंदर सिंह ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि जो कुछ दिल्ली में हुआ कोई किसान वैसा नहीं चाहता था, लेकिन जो हुआ उससे हमें भी बेहद दुख है. यह पर्व हमारा था और हमारा है लेकिन कुछ लोगों ने गलत किया.
दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा इंटेलिजेंस की नाकामी है और अमित शाह को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहिए. पिछले एक साल में दिल्ली में दूसरी हिंसा हुई है. अगर प्रधानमंत्री गृह मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि वो अमित शाह को बचा दे रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि उपद्रवियों को लाल किले में प्रवेश करने की अनुमति किसने दी. दीप सिद्धू बीजेपी नेताओं का करीबी है और वो कल लाल किले में मौजूद था. किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की ये साजिश है. हिंसा सुनियोजित थी. प्रदर्शनकारियों को लाल किले में घुसने की इजाजत दी गई. गृह मंत्री विफल रहे हैं.
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान नेताओं में दरार दिखने लगी है. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बाद अब भारतीय किसान यूनियन (भानु) भी आंदोलन से अलग हो गया है. यानी अब तक दो संगठन किसानों के आंदोलन से अलग हो चुके हैं.
किसान नेता वीएम सिंह ने ऐलान किया है कि उनका संगठन किसानों के आंदोलन से अलग हो रहा है. वीएम सिंह के संगठन का नाम राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन है. ये संगठन अब आंदोलन का हिस्सा नहीं होगा. वीएम सिंह ने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा. हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं. उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं. वीएम सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत सरकार के साथ मीटिंग में गए. उन्होंने यूपी के गन्ना किसानों की बात एक बार भी उठाई क्या. उन्होंने धान की बात की क्या. उन्होंने किस चीज की बात की. हम केवल यहां से समर्थन देते रहें और वहां पर कोई नेता बनता रहे, ये हमारा काम नहीं है.वीएम सिंह ने कहा कि हिंसा से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम. सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है. उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं. ITO में एक साथी शहीद भी हो गया. जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए. किसान नेता वीएम सिंह ने कहा कि हमारा ये आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन इस आंदोलन को सही रास्ते पर ले जाने का मैं काम कर रहा हूं. हमारा आंदोलन तो बहुत पुराना है. राकेश टिकैत पर हमला करते हुए वीएम सिंह ने कहा कि ये तो नए-नए लोग आए हैं.
इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने किसानों के समर्थन में हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंपा. अभय सिंह चौटाला ने इससे पहले स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता को ईमेल कर विधायक पद से अपना इस्तीफा भेजा था. उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ विधायक पद से इस्तीफा दिया.
संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान कर जारी दिल्ली हिंसा की निंदा की है. बयान में कहा गया कि संघर्षरत संगठनों ने किसानों से अपील की कि वे धरना स्थलों पर रहें और शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखें. किसान संगठनों ने इस आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया और असामाजिक तत्वों की निंदा की, जिन्होंने किसानों के आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. संगठनों ने सरकार और अन्य ताकतों को इस आंदोलन को नहीं तोड़ने देने का संकल्प लिया है.
लालकिले से @gsdsnewdelhi गाँधी स्मृति मे जाकर @ezcckolkata द्वारा भेजे,उड़ीसा के कालाहांडी ज़िले के ८५ छात्र छात्राओं एवं गुरूजी से भेंट कर कुशलक्षेम पूछी।ये बच्चे ४जनवरी से परेड में शामिल होने आये थे और वापिस जाते समय बाराखम्मा में फँस गए थे जिन्हें पुलिस ने पहुँचाया @PMOIndia pic.twitter.com/B0A7wZs3nD
— Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) January 27, 2021
दिल्ली पुलिस ने बीते दिन हुई हिंसा को लेकर कई किसान नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज की है. इनमें राकेश टिकैत, डॉ. दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान इन नेताओं की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया. आपको बता दें कि ये सभी नेता किसान संगठनों से जुड़े हैं, सरकार संग बातचीत हो या ट्रैक्टर परेड का रुट तय करना सभी में इनकी अहम भूमिका रही है. शाम चार बजे दिल्ली पुलिस हिंसा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी.
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यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और पाकिस्तान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद एक जैसे ही ट्वीट कर रहे हैं. मंत्री बोले कि पाकिस्तानी मीडिया और कांग्रेस एक ओर जाते दिख रहे हैं, जिसपर उनको जवाब देना चाहिए.
किसान संगठनों की ओर से बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा गया है कि ट्रैक्टर परेड में असामाजिक तत्वों की ओर से हुड़दंग किया गया, ताकि आंदोलन को बदनाम कर सकें. दूसरी ओर लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि केंद्र सरकार को तुरंत तीनों कानून वापस लेने चाहिए.
दिल्ली पुलिस की ओर से अब सिंघु बॉर्डर के पास से सभी वाहनों को हटाया जा रहा है. मीडिया के वाहनों को भी हटाया जा रहा है. हिंसा के बाद से ही सभी प्रदर्शनस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ाया गया है.
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा में अब पुलिस का एक्शन शुरू हो गया है. दिल्ली पुलिस ने करीब 200 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है, जिनपर हिंसा करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा और पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप लगाया है. बता दें कि अबतक कुल 22 एफआईआर दर्ज की गई हैं, उपद्रवियों की पहचान की जा रही है जिसके बाद एक्शन लिया जा रहा है.
तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी का कहना है कि हमारी पार्टी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार मांग कर रहे हैं कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने चाहिए. अभी तक किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था, कुछ ही लोग लाल किले तक पहुंचे, ये कैसे हुआ. इसमें इंटेलिजेंस का फेलियर है.
गणतंत्र दिवस के मौके पर लालकिले में हुए तांडव की तस्वीरें अब सामने आई हैं. यहां कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया है, एसी तोड़ दिए गए और वहां मौजूद झांकियों को नुकसान पहुंचाया गया. बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी लाल किले पहुंच कर नुकसान का जायजा लिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी कल की घटना को लेकर बैठक चल रही है. सीआरपीएफ डीजी बुधवार सुबह गृह मंत्रालय पहुंचे, जहां वो गृह सचिव अजय भल्ला को लालकिले में हुई घटना की जानकारी देंगे.
Delhi: More visuals from Red Fort in the national capital. pic.twitter.com/lAvZuL6Q2V
— ANI (@ANI) January 27, 2021
#WATCH: Broken shards of glass, scattered pieces of paper and vandalised ticket counter seen at the Red Fort in Delhi.
— ANI (@ANI) January 27, 2021
A group of protestors climbed to the ramparts of the fort and unfurled flags on January 26. pic.twitter.com/myCOU9QrJK
Delhi: Union Tourism Minister Prahlad Patel visits Red Fort. pic.twitter.com/6K5fEzRTK6
— ANI (@ANI) January 27, 2021
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बीते दिन हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस एक्शन में है. लगातार कई एफआईआर दर्ज की गई हैं. अब दोपहर ढाई बजे दिल्ली पुलिस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी और पूरी जानकारी सौंपी जाएगी. बीते दिन हुई हिंसा में करीब 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. दिल्ली पुलिस हिंसा की साजिश को लेकर भी मामला दर्ज करेगी. हिंसा से जुड़े मामलों की जांच क्राइम जांच, स्पेशल सेल को सौंपी गई है.
दिल्ली में बीते दिन हुई हिंसा को लेकर अबतक पुलिस ने 22 एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि करीब 100 के आसपास पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिए अब हुड़दंगियों की पहचान करने में जुटी है. सिंघु बॉर्डर के आसपास भी बुधवार को सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अभी यहां प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हो गई है. आज दोपहर 12 बजे पंजाब किसान यूनियन की बैठक होनी है, जबकि दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी.
किसान आंदोलन के बीच हुए दिल्ली में तांडव के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की बैठक रद्द हो गई है. अब कमेटी की बैठक 29 जनवरी को होगी, इसमें कमेटी किसान संगठनों ने कृषि कानून को लेकर चर्चा करेगी.
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया है और इसकी निंदा की है. मायावती ने लिखा कि देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था. यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से ज़रूर लेना चाहिए. साथ ही, बी.एस.पी. की केन्द्र सरकार से पुनः यह अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापिस लेकर किसानों के लम्बे अरसे से चल रहे आन्दोलन को खत्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घटना कहीं भी न हो सके.
इस बीच दिल्ली में आज भी चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. लालकिले से लेकर इंडिया गेट, आईटीओ और अन्य कई इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई है.
Delhi: Security heightened at Singhu border where farmers are protesting against #FarmLaws. pic.twitter.com/fd0VPGIjpO
— ANI (@ANI) January 27, 2021
Delhi: Security tightened at Red Fort in the national capital.
— ANI (@ANI) January 27, 2021
A group of protestors climbed to the ramparts of the fort and unfurled flags yesterday. pic.twitter.com/ovGx9mugzS
दिल्ली पुलिस अब जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकालकर प्रदर्शनकारियों की पहचान करने में जुटी है. लालकिले, नांगलोई, मुकरबा चौक, सेंट्रल दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों से फुटेज निकालने के लिए स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच की मदद भी ली जा रही है.
इसमें पुलिस पर हमला करने वालों, लालकिले पर चढ़ने वालों, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर पुलिस की नजरें हैं. साथ ही उन किसान नेताओं की पहचान भी की जा रही है जिन्होंने आंदोलनकारियों को निर्धारित रूट से अलग सेंट्रल दिल्ली में जाने के लिए भड़काया.
देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर जो हिंसा हुई अब उसको लेकर दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. दिल्ली के कई इलाकों में तांडव करने वाले प्रदर्शनकारियों को पुलिस तलाश रही है. इसी में एक नाम सामने आया है, गैंगस्टर लक्खा सिंह सिधाना का. आरोप है कि लक्खा सिधाना और उसके साथियों की सेंट्रल दिल्ली में हुए बवाल में भूमिका है. अब इसी की दिल्ली पुलिस जांच कर रही है.
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने अबतक कुल 15 एफआईआर दर्ज कर ली हैं. पुलिस का कहना है कि जैसे-जैसे मामले सामने आ रहे हैं, शिकायतें मिल रही हैं और भी एफआईआर दर्ज की जाएंगी.
मंगलवार के बवाल के बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली के कुछ इलाकों में इंटरनेट बंद करवाया. उसके बाद पुलिस ने भी आंदोलनकारियों पर एक्शन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया. हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि उनका हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है, ट्रैक्टर रैली में उपद्रवी घुस गए थे जिन्होंने पूरा बवाल काटा है.
अब आज सुबह करीब नौ बजे किसान नेता फिर चर्चा करेंगे और आंदोलन की आगे की रूप-रेखा तय होगी. बीती रात को ही काफी प्रदर्शनकारी अपने पुराने धरना स्थल पर लौट आए, गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पर देर रात को फिर प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा हुआ.
बीते दिन ट्रैक्टर रैली के लिए जो रूट और वक्त तय हुआ था, उससे पहले ही प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में कूच कर दिया. गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर, नांगलोई समेत दिल्ली के कई इलाकों में हुड़दंग हुआ. पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसूगैस के गोले दागे तो वहीं प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर के जरिए हमला किया, तोड़फोड़ की गई. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस पूरे बवाल में कुल 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, सभी का इलाज जारी है.