किसान आंदोलन में जारी गतिरोध के बीच एक किसान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से कृषि कानूनों पर विचार करने के लिए नई कमेटी गठित करने की मांग की है. इस संगठन का आरोप है कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी निष्पक्ष नहीं है.
भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति गुट) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नई कमेटी गठित करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी निष्पक्ष नही है. इस संगठन ने मांग की है कि नई कमेटी में एक रिटायर जज को भी जगह दी जाए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को कृषि कानूनों पर सुनवाई करते हुए इन कानूनों को लागू करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी गठित की थी.
इस कमेटी में अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ), अनिल घनवत (महाराष्ट्र के बहुचर्चित शेतकारी संगठन के प्रमुख), प्रमोद जोशी (कृषि मामलों के जानकार) और भूपिंदर सिंह मान (भारतीय किसान यूनियन मान) शामिल थे. बाद में भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस कमेटी से अलग कर लिया. भूपिंदर सिंह मान ने कमेटी से अलग होने से पहले कहा कि वे किसानों के साथ खड़ें हैं, इस कमेटी में स्थान देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं, लेकिन वे इससे अलग रहना चाहते हैं.
बता दें कि ये कमेटी अगले दो महीने में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में देगी. अब भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति गुट) ने इस कमेटी को ही भंग कर नई कमेटी गठित करने की मांग की है.
इसके अलावा इस याचिका में दिल्ली पुलिस की ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग को भी खारिज करने की मांग की गई है. बता दें कि प्रदर्शन कर रहे किसान 26 जनवरी को दिल्ली में राजपथ और लालकिला पर ट्रैक्टर रैली निकालना चाहते हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस इसका सुरक्षा कारणों से विरोध कर रही है.
भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति गुट) ने कहा है कि जब गणतंत्र दिवस के पहले से ही नई दिल्ली एरिया में धारा 144 लगाई जा चुकी है तो ऐसे में ट्रैक्टर रैली रोकने की मांग सही नहीं है. बता दें कि 26 जनवरी के दिन राजपथ पर भारी सुरक्षा के बीच गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन किया जाता है.