प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं में 'कार डिप्लोमेसी' का एक नया और दिलचस्प ट्रेंड देखने को मिल रहा है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन और जॉर्डन के क्राउन प्रिंस के बाद अब इथियोपिया के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने पीएम मोदी के सम्मान में एक खास मिसाल पेश की.
मंगलवार को जब पीएम मोदी अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा पर इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा पहुंचे, तो प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने न केवल एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया, बल्कि खुद कार चलाकर उन्हें होटल तक ले गए.
दो दिन के राजकीय दौरे पर पहली बार इथियोपिया पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का अदीस अबाबा एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान पीएम अबी अहमद न केवल उन्हें रिसीव करने पहुंचे, बल्कि अपने वाहन में आगे की सीट पर बैठाकर होटल तक ले गए. रास्ते में उन्होंने साइंस म्यूज़ियम और फ्रेंडशिप पार्क में बिना तय कार्यक्रम के रुककर प्रधानमंत्री मोदी को इथियोपिया की झलक भी दिखाई.
विदेश मंत्रालय का बयान
अनौपचारिक बातचीत के दौरान इथियोपियाई प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश की मशहूर कॉफी की विभिन्न किस्मों के बारे में जानकारी दी. समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, ये विशेष शिष्टाचार पीएम मोदी के प्रति गहरे सम्मान और भारत-इथियोपिया संबंधों की मजबूती को दर्शाता है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “भारत-इथियोपिया की सदियों पुरानी दोस्ती का जश्न! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले द्विपक्षीय दौरे पर अदीस अबाबा पहुंचे. विशेष सम्मान के तौर पर प्रधानमंत्री अबी अहमद अली उन्हें लेने एयरपोर्ट आए.”
इथियोपिया भारत के लिए ग्लोबल साउथ का अहम साझेदार और ब्रिक्स समूह का सदस्य है. दौरे के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, विकास सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक बातचीत होगी.
संसद को करेंगे संबोधित
अपने पहले इथियोपिया दौरे में प्रधानमंत्री मोदी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ बताते हुए भारत-इथियोपिया साझेदारी की भूमिका पर विचार साझा करेंगे. इसके अलावा वे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे.
इथियोपिया, अफ्रीकी संघ का मुख्यालय भी है, जिसे भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान स्थायी सदस्य का दर्जा मिला था. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी जॉर्डन के दौरे पर थे, जहां क्राउन प्रिंस अल हुसैन ने भी उन्हें खुद ड्राइव कर जॉर्डन म्यूज़ियम तक पहुंचाया था.
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी पीएम मोदी की ऐसी ही कार यात्रा देखी जा चुकी है. इन घटनाओं ने वैश्विक मंच पर ‘कार डिप्लोमेसी’ को एक नई पहचान दी है.