मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी (Abdel Fattah El-Sisi) कृषि, डिजिटल डोमेन और व्यापार सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर केंद्रित तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर मंगलवार को भारत पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिसी बुधवार को व्यापक स्तर पर बातचीत करेंगे. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच कई क्षेत्रों में संबंध मजबूत करने के लिए करीब 6 समझौते होने की उम्मीद है.
इसके अलावा 68 वर्षीय प्रभावशाली अरब नेता 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे. सिसी के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा, जिसमें पांच मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. अब से पहले मिस्र के राष्ट्रपति ने तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अक्टूबर 2015 में भारत का दौरा किया था, जिसके बाद सितंबर 2016 में उनकी राजकीय यात्रा हुई थी.
मिस्र की सेना गणतंत्र दिवस परेड में होगी शामिल
यह पहली बार है कि जब मिस्र के राष्ट्रपति को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा मिस्र की सेना की एक सैन्य टुकड़ी भी गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगी. मोदी के साथ बातचीत से पहले बुधवार को राष्ट्रपति भवन में सिसी का रस्मी स्वागत किया जाएगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर भी सिसी से मुलाकात करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय (MEA) ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'राष्ट्रपति सिसी की यात्रा से भारत और मिस्र के बीच समय-परीक्षणित साझेदारी को और मजबूत और गहरा करने की उम्मीद है.' भारत मिस्र के साथ संबंधों का और विस्तार करने का इच्छुक है, जो अरब दुनिया के साथ-साथ अफ्रीका दोनों की राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी है. इसे अफ्रीका और यूरोप के बाजारों के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में भी देखा जाता है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच बहुमुखी संबंध साझा सांस्कृतिक मूल्यों, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अभिसरण पर आधारित है. पिछले कुछ सालों में दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में तेजी आई है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और मिस्र के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने 2021-22 में 7.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड उच्च हासिल किया.
50 से अधिक भारतीय कंपनियों ने मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 3.15 बिलियन US डालर का निवेश किया है, जिसमें रसायन, ऊर्जा, कपड़ा, परिधान, कृषि-व्यवसाय और खुदरा शामिल हैं.