scorecardresearch
 

दिल्ली ब्लास्ट: फर्जी पते पर सिम, थाईलैंड यात्रा और मस्जिद, 'डॉ. शाहीन' पर बड़ा खुलासा

फरीदाबाद जैश मॉड्यूल में गिरफ्तार की गई आरोपी डॉक्टर शाहीन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया है कि वह फर्जी पते पर लिए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रही थी और अपनी पहचान और स्थाई पता लगातार छिपाती रही. शाहीन की ट्रैवल हिस्ट्री, यूपी कनेक्शन और उसके भाई परवेज की गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. UP ATS और इंटेलिजेंस टीमें उसके पूरे नेटवर्क को खंगाल रही हैं.

Advertisement
X
फर्जी पते पर लिया था सिम. (File Photo: ITG)
फर्जी पते पर लिया था सिम. (File Photo: ITG)

फरीदाबाद जैश मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन को लेकर जांच में नई-नई परतें खुल रही हैं. UP ATS और केंद्रीय एजेंसियों की पड़ताल में पता चला है कि शाहीन लंबे समय से फर्जी पते पर लिए गए सिम कार्ड का उपयोग कर रही थी, जिससे उसकी गतिविधियों पर नजर रखना मुश्किल होता गया.

जांच अधिकारियों के अनुसार शाहीन ने साल 2023 में फरीदाबाद के धौज कस्बे की एक मस्जिद के पते पर सिम कार्ड लिया था, जो पूरी तरह फर्जी आधार पर जारी किया गया. यह वही सिम था जिसका वह सबसे अधिक इस्तेमाल करती थी. हैरानी की बात यह है कि सिम लेने के बावजूद वह फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहती थी, लेकिन स्थाई पता मस्जिद वाला ही दिया गया.

शाहीन फर्जी पते का करती थी इस्तेमाल

एजेंसियों के मुताबिक शाहीन लखनऊ में अपने पिता के घर को स्थाई पता नहीं लिखती थी. वह पूछताछ के दौरान भी यह पता देने से बचती रही. उसने दस्तावेजों में अपने भाई परवेज अंसारी के घर को स्थाई पता बताकर जांच को भ्रमित करने की कोशिश की. परवेज भी जांच के दायरे में है और ATS उसकी गतिविधियों का गहराई से विश्लेषण कर रही है.

Advertisement

जांच में शाहीन की ट्रैवल हिस्ट्री ने एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है. रिकॉर्ड के अनुसार 2013 में कानपुर की नौकरी छोड़ने के बाद शाहीन कुछ दिनों के लिए थाईलैंड गई थी, लेकिन वहां किससे मिली और किस उद्देश्य से गई, यह वह स्पष्ट नहीं कर पा रही. थाईलैंड का यह दौरा अब खुफिया एजेंसियों की सबसे अहम जांच कड़ी बन गया है, क्योंकि कई आतंकी मॉड्यूल दक्षिण-पूर्व एशिया में सक्रिय हैंडलर्स का इस्तेमाल करते रहे हैं.

दो महीने पहले आई थी लखनऊ

दो महीने पहले शाहीन लखनऊ आई थी और इस दौरान वह अपने भाई परवेज को लेकर कानपुर भी गई. दोनों की यह यात्रा अब ATS की पड़ताल का मुख्य हिस्सा बन गई है. सुरक्षा एजेंसियां यह जांच रही हैं कि शाहीन किससे मिली, कौन लोग उसके संपर्क में थे और यह यात्रा किस उद्देश्य से की गई थी.

UP ATS और इंटेलिजेंस टीमें अब शाहीन के यूपी कनेक्शन, डिजिटल उपकरणों और संपर्कों का विश्लेषण कर रही हैं. एजेंसियों का मानना है कि शाहीन सिर्फ 'सहयोगी' नहीं, बल्कि मॉड्यूल को लोगों से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी थी. जांच में मिले फर्जी पते, संदिग्ध यात्रा और परिवार के सदस्यों की भूमिका से साफ है कि नेटवर्क काफी गहरा था और कई राज्यों में फैला हुआ था.

Advertisement

 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement