दिल्ली-मेरठ मार्ग पर चलने वाली रैपिड रेल अब महज आने-जाने का जरिया नहीं होगी बल्कि इनके स्टेशनों पर आप खरीदारी की अनुभव भी उठा सकेंगे. दरअसल, एनसीआरटीसी ने (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) ने दिल्ली-मेरठ मार्ग पर रैपिड रेल स्टेशनों को वाणिज्यिक केंद्र के रूप में विकसित करने की इच्छा जाहिर की है.
इस पहल का उद्देश्य आरआरटीएस स्टेशनों पर पार्किंग बुनियादी ढांचे और यात्री केंद्रित सुविधाओं को विकसित करना है, ताकि आसपास के क्षेत्र को व्यवसायिक केंद्रों के रूप में विकसित किया जा सके. इस परियोजना के साथ, आरआरटीएस स्टेशन सिर्फ परिवहन केंद्र नहीं रह जाएंगे, बल्कि आधुनिक सुविधाओं और व्यवसायिक अवसरों के मिश्रण के साथ जीवंत वाणिज्यिक केंद्र के रूप में उभरेंगे.
इस पहल के हिस्से के रूप में, पार्किंग स्थलों को व्यापारिक सुविधाओं जैसे आउटलेट, फूड कोर्ट, कार्यालय, सर्विस अपार्टमेंट और स्टूडियो अपार्टमेंट के साथ विकसित किया जा सकता है. यह विकास सामूहिक हब का निर्माण करेगा, जो यात्रियों की तुरंत ज़रूरतों को पूरा करने के साथ-साथ आराम, काम और कम वक्त के लिए स्टे करने की भी सुविधा प्रदान करेगा, जिससे कुल मिलाकर यात्री अनुभव को समृद्ध बनाया जा सके.
एनसीआरटीसी ने छह प्रमुख स्टेशनों -डीपीएस राजनगर गूलधर, दुहाई, मुराद नगर, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ और मेरठ साउथ सहित आरआरटीएस कॉरिडोर पर एकीकृत पार्किंग और वाणिज्यिक स्थलों के लीज और विकास के लिए रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की है. इस पहल का उद्देश्य पार्किंग स्थलों के उपयोग को वाणिज्यिक विकास के साथ एकीकृत करके अनुकूलित करना है, जिससे यात्री सुविधा और स्टेशन उपयोगिता को बढ़ावा मिल सके.
बता दें कि आरआरटीएस स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थल विकसित किए गए हैं. एनसीआरटीसी ने डेवलपर्स को इन स्थानों का उपयोग करने के लिए 27 दिसंबर 2024 तक आमंत्रित किया है. इच्छुक आवेदक आधिकारिक एनसीआरटीसी वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी और आवेदन दिशानिर्देश प्राप्त कर सकते हैं.
वर्तमान में, नमो भारत ट्रेन सेवाएं आरआरटीएस कॉरिडोर के 42 किमी खंड पर संचालित हो रही हैं, जो साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक नौ स्टेशनों को जोड़ती हैं. पूरा कॉरिडोर 82 किमी लंबा है, जो दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के मोदिपुरम तक फैला है. आनंद विहार और नई अशोक नगर स्टेशनों पर भी परीक्षण चल रहे हैं, जो साहिबाबाद से आगे दिल्ली खंड में फैले हैं, जो चरणबद्ध कार्यान्वयन का हिस्सा है.