उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने स्वामी गोविंदानंद सरस्वती पर दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है. उन्होंने मानहानि के अपराध में दस करोड़ रुपए हर्जाने की मांग की है.
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस नवीन चावला की एकल जज पीठ ने मानहानि कारक बयानों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर स्वामी गोविंदानंद और अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में 29 अगस्त को अगली सुनवाई करेगा.
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अदालत एकतरफा आदेश पारित नहीं करेगी
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि उनकी अदालत इस स्तर पर कोई भी अंतरिम एकतरफा आदेश पारित करना सही नहीं समझती है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आप संत हैं. आप इस बारे में चिंता क्यों कर रहे हैं? संतों को इस सब से चिंतित नहीं होना चाहिए. इससे उन्हें बदनाम नहीं किया जा सकता. संत अपने कर्मों से सम्मान पाते हैं.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के वकील सीनियर एडवोकेट पीएन मिश्र ने अदालत को बताया कि गोविंदानंद उनके क्लाइंट फर्जी बाबा, ढोंगी बाबा, चोर बाबा कहते थे. मिश्र ने कहा कि गोविंदानंद कह रहे हैं, "मैं लोगों का अपहरण कर रहा हूं. मैं हिस्ट्रीशीटर हूं. वह कह रहे हैं कि मैंने 7000 करोड़ रुपये का सोना चुराया है. मेरे साध्वियों के साथ अवैध संबंध हैं."
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के खिलाफ केस वापस लिया गया
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के वकील ने स्पष्ट किया कि गोविंदानंद सरस्वती ने दावा किया था कि अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, लेकिन अखिलेश यादव सरकार के दौरान दायर एकमात्र मामला बाद में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा वापस ले लिया गया था.
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गोविंदानंद सरस्वती के आरोप
स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने हाल ही में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाए थे. गोविंदानंद ने दावा किया था कि अविमुक्तेश्वरानंद एक "फर्जी बाबा" हैं और उन पर लोगों की हत्या और अपहरण सहित गंभीर आपराधिक गतिविधियों का आरोप लगाया था.