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दिल्ली में फिर लागू होगा ऑड-ईवन? प्रदूषण नियंत्रण के लिए सीएम केजरीवाल ने बताए 15 प्लान

सीएम अरविंद केजरीवाल ने आंकड़ों के जरिए बताया कि 2014 में दिल्ली में पीएम-2.5 149 होता था, जबकि आज ये 103 है. इसी तरह 2014 में पीएम-10 324 होता था, आज ये 223 है. 2016 में प्रदूषण के हिसाब से 365 दिनों में 109 दिन अच्छी हवा होती थी, आज यह संख्या बढ़कर 163 हो गई है.

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दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

सीएम अरविंद केजरीवाल ने सर्दी के मौसम में दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की. दिल्ली सरकार सख्ती से इसे लागू करेगी, ताकि ठंड के मौसम में दिल्लीवालों को प्रदूषण की समस्या से बचाया जा सके. वहीं, सीएम ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दिल्लीवासियों की मेहनत से प्रदूषण के स्तर में करीब 30 फीसद की कमी आई है. 

2014 के मुकाबले आज प्रदूषण में आई कमी
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद दिल्ली के दो करोड़ लोगों, अलग-अलग सरकारी एजेंसी और केंद्र सरकार के साथ मिलकर बहुत सारे कदम उठाए गए हैं, जिसकी वजह से दिल्ली में पिछले 8 सालों में प्रदूषण में काफी कमी आई है.

मैं ये नहीं कहूंगा कि आज की स्थिति आदर्श स्थिति है लेकिन यह ये दिखाता है कि हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वो रास्ता सही है. 2014 के मुकाबले आज 2023 में प्रदूषण में 30 फीसद कमी आई है. अमूमन देखने में आया है कि अन्य राज्यों या शहरों में विकास की गतिविधियों के साथ प्रदूषण बढ़ा है. लेकिन दिल्ली में 30 फीसद प्रदूषण की कमी आई है.' 

साल में 136 दिन अच्छी हवाः सीएम
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आंकड़ों के जरिए बताया कि 2014 में दिल्ली में पीएम-2.5 149 होता था, जबकि आज ये 103 है. इसी तरह 2014 में पीएम-10 324 होता था, आज ये 223 है. 2016 में प्रदूषण के हिसाब से 365 दिनों में 109 दिन अच्छी हवा होती थी, आज यह संख्या बढ़कर 163 हो गई है.

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अब साल में 136 दिन अच्छी हवा होती है. 2016 में सीवियर प्रदूषण के दिनों की संख्या 26 होते थे, अब ये घटकर केवल 6 दिन रह गए हैं. अब पूरे साल में केवल 6 दिन ही बहुत खराब होते हैं. इसी दिशा में हमने पिछले कई सालों से युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध कैंपेन चलाया. सर्दियों में प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम करने के लिए हमने 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान बनाया है.

सीएम ने दी बीते आठ सालों में उठाए गए कदमों की जानकारी
इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने पिछले 8 सालों में दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी. सीएम ने कहा कि दिल्ली में पिछले कई वर्षों से बसों की खरीद नहीं हुई थी. लगभग 15 साल तक दिल्ली में बसें नहीं खरीदी गई थी.

इसकी वजह से दिल्ली में बसों की काफी कमी हो गई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम काफी खराब हो गया और लोग अपने निजी साधनों पर शिफ्ट करने लगे थे. पिछले दो-तीन सालों में हम लोगों ने बहुत बड़े स्तर पर बसें खरीदी हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक बसें भी हैं. वर्तमान में दिल्ली में आजतक के इतिहास में सबसे ज्यादा 7135 बसें सड़कों पर हैं. पहले कभी भी दिल्ली में इतनी बसें नहीं थीं. इसमें से 800 इलेक्ट्रिक बसें हैं. 

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2020 में लॉन्च की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2020 में हमने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी लांच की थी. यह पॉलिसी सरकारी के साथ प्राइवेक्ट सेक्टर के लिए भी है. इस पॉलिसी की देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में सराहना हो रही है. आज दिल्ली के अंदर बहुत बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदे जा रहे हैं, जो शायद पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है.

वर्तमान में दिल्ली में जितने नए वाहन खरीदे जाते हैं, उसमें से 17 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जाते हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसे-जैसे विकास होता है, वैसे-वैसे पेड़ कटते हैं, सड़कें और बिल्डिंग बनती हैं. अलग-अलग शहरों में देखा गया है कि जैसे-जैसे विकास होता है, वहां हरित क्षेत्र में कमी आती है, लेकिन दिल्ली में उल्टा हो रहा है. दिल्ली में 2013 में 20 फीसद हरित क्षेत्र था, जो अब बढ़कर 23 फीसद हो गया हैं. हरित क्षेत्र कम होने की बजाय 3 फीसद तक बढ़ा है. देश के बड़े शहरों में आज सबसे ज्यादा ग्रीन कवर दिल्ली में हैं. 

पेड़ों को न काटने का फैसला
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने ट्री ट्रांसप्लांटेंशन पॉलिसी बनाई थी. कई बार हमें बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए पेड़ काटने की अनुमति देनी पड़ती है. कई पेड़ 100-200 साल पुराने होते हैं, ऐसे पेड़ों को अगर काट दिया जाए तो बहुत गलत है. हमने पॉलिसी के अंदर यह अनिवार्य कर दिया कि ऐसे पेड़ों को काटा नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें जड़ों के साथ निकाल कर कहीं और ले जाकर लगा दिया जाएगा. इस पॉलिसी का भी बहुत अच्छा असर हुआ है. इसी तरह दिल्ली में स्थित दोनों थर्मल पावर प्लांट को बंद कर दिया गया. आज दिल्ली देश का अकेला शहर है, जहां पर कोयला आधारित कोई थर्मल पावर प्लांट नहीं है. 

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धूल प्रदूषण करने वालों पर लगाया जा रहा जुर्माना
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि धूल प्रदूषण करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है और वेब पोर्टल के जरिए उनकी रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है. दिल्ली में 1727 पंजीकृत इंडस्ट्रीयल यूनिट्स हैं. पहले इन इंडस्ट्रीज में प्रदूषण पैदा करने वाले ईंधन का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन अब इन इंडस्ट्रीज को पाइप नेचुरल गैस (पीएनजी) पर शिफ्ट कर दिया गया है.

हमारी सरकार बनने से पहले दिल्ली में 7-8 घंटे के पावर कट लगा करते थे, लोगों को जेनरेटर चलाने पड़ते थे, जिससे धुंआ उठता था. आज दिल्ली में 24 घंटे बिजली आती है और अब जेनरेटर के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती है. केंद्र सरकार ने दिल्ली के दोनों तरफ पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे बनाए हैं. पहले जो वाहन दिल्ली को पार करके यूपी जाया करते थे, अब ये वाहन पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली के बाहर से ही चले जाते हैं. इससे भी दिल्ली में प्रदूषण में कमी आई है.

दिल्ली सरकार का 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान : 

1- 13 हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग विशेष एक्शन प्लान: सीएम अरविंद केजरीवाल ने 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की जानकारी देते हुए कहा कि हमने दिल्ली के अंदर 13 हॉटस्पॉट चिंहित किए हैं, जहां ज्यादा प्रदूषण होता है. हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है. इसके लिए एक वॉर रूम बनाया गया है. 13 विशेष टीमें बनाई गई हैं. इन सभी हॉट स्पाट की सघन निगरानी ग्रीन वार रूम से की जाएगी.

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2- पराली: सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से हमने दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए पूसा बायो-डी-कंपोजर का मुफ्त में सफलता पूर्वक छिड़काव किया है. जिसके नतीजे काफी अच्छे आए हैं. पिछले साल हमने 4400 एकड़ खेत में बायो डीकंपोजर का छिड़काव किया था. इस साल 5000 एकड़ से अधिक बासमती और गैर-बासमती कृषि भूमि पर मुफ्त में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया जाएगा.

3- धूल प्रदूषण: सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि धूल प्रदूषण को कम करने के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं. निर्माण साइट्स पर निगरानी रखने के लिए कई टीमें बनाइ गई हैं. 500 वर्गमीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट को डस्ट कंट्रोल करने के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा.

वहीं, 5 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा. सड़कों पर सफाई के दौरान उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए 82 मैकेनिकल रोड स्पीपिंग मशीन लगाई गई हैं. इसके अलावा 530 वाटर स्प्रिंक्लिंग मशीनें और 258 मोबाइल एंटी स्मॉग गन सड़कों पर पानी छिड़काव के लिए लगाई जाएंगी.

4- वाहन प्रदूषण: सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वाहन से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी. साथ ही 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए 385 टीमें गठित की गई हैं. दिल्ली में अत्यधिक ट्रैफिक वाली 90 सड़कों की पहचान की गई है. इन सड़कों पर ट्रैफिक कम करने के लिए वैकल्पिक रूट उपलब्ध कराए जाएंगे. वैकल्पिक रूटों का प्रचार प्रसार किया जाएगा. 

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5- खुले में कूड़ा जलाने पर रोक: दिल्ली के अंदर खुले में कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. इसकी निगरानी के लिए 611 टीमों टीमों का गठन किया गया है. 

6- औद्योगिक प्रदूषण: सीएम ने बताया कि दिल्ली में स्थित सभी 1727 औद्योगिक इंडस्ट्रीज अब पीएनजी से संचालित होती हैं. इसकी निगरानी के लिए 66 टीमों का गठन किया गया है. ये टीमें सुनिश्चित करेंगी कि ये ईकाइयां किसी भी अनधिकृत और प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग तो नहीं कर रही हैं. साथ ही, अवैध रूप से चल रही औद्योगिक ईकाइयों पर भी कार्रवाई करेगी.

7- ग्रीन वॉर रूम: सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक ग्रीन वॉर रूम बनाया गया है, जिसके जरिए 24 घंटे निगरानी की जाएगी. यहां सभी एजेंसियों द्वारा हर दिन की गई कार्रवाई की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगी और अगले दिन की योजना बनाएगी.

8- ग्रीन दिल्ली एप: सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 3 साल पहले लॉन्च किया गया ग्रीन दिल्ली एप जनता के बीच काफी लाकप्रिय रहा है. एप पर अभी तक 70,470 से अधिक शिकायतें आईं. इसमें से 63,344 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है, जो कि 90 फीसद है.  दिल्ली के सभी लोगों से हमारी अपील है कि वे अपने मोबाइल में ग्रीन दिल्ली एप  डाउनलोड करें और दिल्ली में कहीं भी प्रदूषण करने वाली गतिविधि को देखें तो ग्रीन दिल्ली एप पर सूचना अवश्य दें. हम उसपर कार्रवाई करेंगे.

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9- रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी: सीएम ने बताया कि आईआईटी दिल्ली और डीपीसीसी के साथ रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी की जा रही है. इसके लिए रॉउस एवेन्यू रोड पर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में एक सुपरसाइट बनाई गई है. इसके डेटा का इस्तेमाल कर हम जगह-जगह फोकस तरीके से एक्शन कर पाएंगे.

10- पटाखों पर प्रतिबंध: सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पिछले सालों की तरह इस साल भी दिल्ली के अंदर पटाखों के उत्पादन, भण्डारण और किसी भी प्रकार की बिक्री या खरीद पर पूरी तरह प्रतिबन्ध रहेगा. 

11- हरित क्षेत्र को बढ़ाना: दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए एक करोड़ से ज्यादा नए पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें से 52 लाख पौधे दिल्ली सरकार लगाएगी.

12- ईको ई-वेस्ट पार्क: होलम्बी कलां में एक ई-वेस्ट पार्क बनाया जा रहा है. पार्क के निर्माण में तेजी लाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति कर दी गई है. 

13- जन जागरूकता अभियान: सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न जन जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे. इसमें रन अगेन्स्ट पॉल्यूशन, रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ समेत अन्य कैंपेन चलाए जाएंगे.

14- केंद्र सरकार, सीएक्यूएम और पड़ोसी राज्यों से संवाद: सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण कोई बाउंड्री नहीं देखता है. हरियाणा की हवा दिल्ली आती है, दिल्ली की हवा यूपी जाती है. हमारी कोशिश है कि आसपास के राज्यों के साथ मिलकर प्रदूषण को कम करें. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट का डेटा बताता है कि दिल्ली में 31 फीसद प्रदूषण दिल्ली के आंतरिक स्रोतों की वजह से होता है, जबकि 69 फीसद बाहरी स्रोतों की वजह से है.

पड़ोसी राज्यों से हमारी अपील है कि वाहन सीएनजी आधारित वाहन भी दिल्ली में आने दें. दिल्ली के आसपास पॉल्यूटिंग ईंधन से चल रही इंडस्ट्री को पीएनजी में शिफ्ट किया जाए. ईंट भट्ठे को जिग-जैग तकनीक में बदला जाए. 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाए, ताकि जेनरेटर की जरूरत न पड़े. एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए. 

15- ग्रैप का क्रियान्वयन : सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में ग्रैप को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार की एजेंसी और सीएक्यूएम के जरिए तीन दिन बाद का पूर्वानुमान पता चल जाता है. इसके आधार पर ग्रैप को लागू किया जाता है. जिससे प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.

केजरीवाल सरकार का विंटर एक्शन प्लान गत वर्ष प्रस्तुत प्लान का कापी-पेस्ट है और एक दिखावा है. केजरीवाल आज कह रहे हैं कि हमने हॉट स्पॉट चिन्हित किये हैं, गत वर्ष भी यही हॉट स्पॉट बताये थे, केजरीवाल बतायें कि इन पर प्रदूषण ए.क्यू.आई. कम करने के लिये सरकार ने क्या उपाय किये. वीरेन्द्र सचदेवा ने इन्हें छलावा बताया है.

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