दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर की शाम हुए कार ब्लास्ट की भयावहता कई लोगों के मोबाइल फोन में कैद हुई है. ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. आजतक के हाथ भी घटना वाली जगह के आसपास के दो वीडियो हाथ लगे हैं, जिनमें तेज धमाके की आवाज के साथ आसमान में आग का गुबार उठता दिख रहा है. विस्फोट से दहशत में आए लोग 'भागो-भागो' चिल्लाते हुए इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं. एक वीडियो में लाल किले के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग के ट्रैफिक सिग्नल पर i20 कार के धमाके का लाइव मोमेंट कैद है, जबकि दूसरे में धमाके के बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास मची अफरातफरी का दृश्य.
धमाका 10 नवंबर की शाम 6:52 बजे सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर हुआ. एक प्रत्यक्षदर्शी ने आजतक को बताया, 'विस्फोट इतना जोरदार था कि जमीन कांप गई. हमने कभी ऐसी आवाज नहीं सुनी. लोग आपस में गिरते-पड़ते भाग रहे थे. मैं कुर्सी पर बैठा था और धमाके से तीन बार गिरा.' एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, 'सड़क पर धमाके में मारे गए लोगों के हाथ और फेफड़े बिखरे पड़े थे, यह भयावह दृश्य देखकर मेरा खून जम गया.' एक अन्य सीसीटीवी वीडियो में एक शव गाड़ी पर और दूसरा सड़क पर पड़ा दिख रहा है.
इस कार ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य घायल हैं. i20 कार में धमाके के बाद आसपास मौजूद 6 कारें, 2 ई-रिक्शा और 1 ऑटो जल गए. आसपास की स्ट्रीट लाइटें फूट गईं, और कंपन चांदनी चौक तक महसूस हुई. कई दुकानों और लाल किला मेट्रो स्टेशन में लगे कांच चकनाचूर हो गए. दिल्ली पुलिस ने इस कार ब्लास्ट केस में यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है, जो आतंकवाद और उसके लिए सजा से संबंधित है. इसके अलावा एफआईआर में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 भी जोड़ी गई है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों ने आजतक को बताया कि धमाके से पहले i20 कार लाल किले के पास स्थित मुगलकालीन सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में करीब 3 घंटे तक खड़ी थी. कार 10 नवंबर की दोपहर 3:19 बजे पार्किंग में एंटर हुई और 6:48 बजे यहां से बाहर निकली. इसके ठीक 4 मिनट बाद, शाम 6:52 बजे नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्क ट्रैफिक सिग्नल के पास कार के पिछले हिस्से में जोरदार धमाका हो गया. जांच एजेंसियों को संदेह है कि यह एक फिदायीन आतंकी हमला हो सकता है, जिसमें विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया.
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसियां कार के सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में तीन घंटे के करीब खड़ी रहने को संदेहास्पद मान रही हैं. उन्हें शक है कि यहीं पर कार में विस्फोटक प्लांट किया गया हो सकता है. सूत्रों की मानें तो कार में आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद के सवार होने का शक भी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को है. डॉक्टर उमर फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का सदस्य है, जो फरार चल रहा था. इसकी पुष्टि के लिए i20 कार में सवार मृतकों के डीएनए की जांच होगी.