scorecardresearch
 

कर्नाटक सेंट्रल यूनिवर्सिटी में RSS की प्रार्थना और सैल्यूट पर विवाद, कांग्रेस ने उठाए सवाल

आरएसएस अगले साल अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है. शताब्दी वर्षगांठ के आयोजन को लेकर चर्चा करने के लिए 18 जुलाई को कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक बैठक आयोजित की गई थी. इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

Advertisement
X
कर्नाटक सेंट्रल यूनिवर्सिटी में RSS की मीटिंग आयोजित होने पर विवाद खड़ा हो गया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कर्नाटक सेंट्रल यूनिवर्सिटी में RSS की मीटिंग आयोजित होने पर विवाद खड़ा हो गया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बेंगलुरु स्थित कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Karnataka) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की  बैठक आयोजित होने के बाद विवाद पैदा हो गया है. कांग्रेस के राज्य मंत्री प्रियांक खड़गे ने प्रशासन पर विश्वविद्यालय को आरएसएस शाखा में बदलने का आरोप लगाया है. आरएसएस अगले साल अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है. शताब्दी वर्षगांठ के आयोजन को लेकर चर्चा करने के लिए 18 जुलाई को कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक बैठक आयोजित की गई थी. कार्यक्रम के दौरान, विश्वविद्यालय के छात्रों और प्रोफेसरों को आरएसएस की प्रार्थना 'नमस्ते सदा वत्सले' गाते और ध्वज प्रणाम (आरएसएस में एक प्रकार का पारंपरिक सलाम) करते देखा गया. 

इसे लेकर कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की जमकर आलोचना की है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कार्यक्रम का वीडियो शेयर करते हुए प्रियंका खड़गे ने लिखा, 'राज्य के छात्रों की शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कल्याण क्षेत्र में मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के बजाय, विश्वविद्यालय RSS शाखा में बदल गया है. इस पर रोक लगाने की सख्त जरूरत है. पिछले एक दशक में, सरकारी संस्थानों में प्रचारकों (आरएसएस की विचारधारा फैलाने वाले लोगों) की घुसपैठ व्यापक हो गई है, जिससे व्यवस्था पूरी तरह खराब हो गई है.'

इस बीच, विश्वविद्यालय के कुलपति बट्टू सत्यनारायण ने आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि आरएसएस एक प्रतिबंधित संगठन नहीं है और कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और छात्रों द्वारा किया गया था. उन्होंने कहा, 'यह एक आंतरिक कार्यक्रम था. इसके आयोजन में क्या गलत है? क्या आरएसएस एक प्रतिबंधित संगठन है? अगर यह एक प्रतिबंधित संगठन होता, तो मैं इसकी अनुमति नहीं देता. विश्वविद्यालय किसी बाहरी संगठन को अपने परिसर में आयोजन की अनुमति नहीं देता है. अगर मैं इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं देता, तो मुद्दा उठता कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है.'

Advertisement

उन्होंने कहा, 'एससी-एसटी कर्मचारी कल्याण संघ को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी गई थी. बिहार के छात्रों को बिहारी दिवस मनाने की अनुमति दी गई थी. इसी तरह इस कार्यक्रम की इजाजत दी गई. मैं कार्यक्रम में मौजूद नहीं था; इसे आंतरिक रूप से कर्मचारियों और छात्रों द्वारा आयोजित किया गया था, इसमें कोई भी बाहर से नहीं आया था.' विश्वविद्यालय के सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बैठक 18 जुलाई को विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में शाम 4 बजे से 7 बजे के बीच आयोजित की गई थी. इसमें विश्वविद्यालय के लगभग 100 छात्रों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया था.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement