प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है. ईडी ने आरोपपत्र में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया है. इसके अलावा एजेंसी ने राहुल और सोनिया गांधी से जुड़ी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की कार्यवाही भी शुरू कर दी है. इनमें दिल्ली, मुंबई और लखनऊ स्थित प्रमुख संपत्तियां शामिल हैं, जिनमें राष्ट्रीय राजधानी में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित प्रतिष्ठित हेराल्ड हाउस भी है.
हालांकि, कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है. कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के आरोपपत्र के समय पर सवाल उठाए और इसे गुजरात में हाल ही में हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन, राज्य में राहुल गांधी के डेरा डालने और बिहार में नजदीक आ रहे चुनावों से जोड़ा. कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई की टाइमिंग ही बता रहा है कि बीजेपी को गुजरात में कांग्रेस के पक्ष में बन रही हवा पसंद नहीं आ रही है. उन्होंने साथ ही कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला राजनीति से प्रेरित है.
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क्रोनॉलजी समझिए !
काँग्रेस पार्टी के अभियान के साथ, मोदी सरकार की मेहनत भी शुरू हो गई !
8-9 अप्रैल- अहमदाबाद में काँग्रेस अधिवेशन
12 अप्रैल- ED द्वारा काँग्रेस की सम्पति जब्त
15 अप्रैल- सोनिया गाँधी जी , राहुल गाँधी जी का नाम चार्जशीट में शामिल
15 अप्रैल- ED द्वारा रॉबर्ट…— pranav jha (@pranavINC) April 15, 2025
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में संचार प्रभारी प्रणव झा ने मंगलवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'क्रोनोलॉजी समझिए! कांग्रेस पार्टी के प्रचार के साथ ही मोदी सरकार की मेहनत भी शुरू हो गई. 8-9 अप्रैल को- अहमदाबाद में कांग्रेस का अधिवेशन. 12 अप्रैल को- ED ने कांग्रेस की संपत्ति जब्त की. 15 अप्रैल - सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम आरोप पत्र में शामिल किया गया. 15 अप्रैल - रॉबर्ट वाड्रा से ईडी ने पूछताछ की. 15 अप्रैल - राजस्थान में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री के खिलाफ 15 ठिकानों पर छापेमारी. वाह मोदी जी, वाह!'
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कई अन्य नेताओं ने ईडी की कार्रवाई को बिहार चुनावों से जोड़कर देखा और आरोप लगाया कि चूंकि राहुल बिहार में सामाजिक न्याय के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी में हैं, इसलिए सत्तारूढ़ दल का मानना है कि उन्हें इससे ध्यान हटाना चाहिए, अन्यथा इससे बिहार में मौजूदा जातिगत समीकरण बिगड़ सकते हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुरदीप सिंह सप्पल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'हमारे प्रिय नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बेरोकटोक जारी है. लेकिन लोकतंत्र के झंडे को ऊंचा रखने और संवैधानिक मूल्यों के लिए लड़ाई जारी रखने का उनका संकल्प भी जारी है.'
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सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता एसोसिएटेड जर्नल्स की वित्तीय सेहत को लेकर चिंतित हैं, जो हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में तीन अखबार प्रकाशित करता है. कई लोगों का मानना है कि हाल ही में एजेएल की संपत्तियों को जब्त करना उसे वित्तीय रूप से कमजोर करने का प्रयास है, क्योंकि अब इसके खाते में कोई किराया, दान और विज्ञापन नहीं आ सकता. इससे कांग्रेस और उसके संगठनों पर फिर से वित्तीय दबाव बढ़ेगा. कई मौकों पर राहुल गांधी ने दावा किया है कि सरकार उनके फंड को रोक रही है, जिससे आज के दौर में चुनाव लड़ना मुश्किल हो गया है.