तमिलनाडु के चेन्नई में मरीना बीच पर इंडियन एयरफोर्स की ओर से रविवार को एयर शो का आयोजन किया गया था, एयर शो के बाद अफरा-तफरी में जान गंवाने वाले 34 वर्षीय कार्तिकेयन की पत्नी ने कहा कि मेरे पति मुझे और हमारे 2 साल के बेटे को कार्यक्रम स्थल पर छोड़कर करीब एक किमी दूर पार्किंग में खड़ी बाइक लेने गए थे, लेकिन कभी वापस नहीं लौटे. तिरुवोत्रियुर निवासी कार्तिकेयन एक निजी लॉजिस्टिक कंपनी में एडमिन के पद पर कार्यरत थे. वह अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के साथ उन लाखों परिवारों में से एक थे, जिन्होंने एयर शो देखा. बता दें कि एयर शो के बाद हुए हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मरीना रोड पर पानी भरा हुआ था, यहां किसी भी तरफ हिलना-डुलना संभव नहीं था. गर्मी के चलते कई लोग बेहोश होने लगे और उन्हें सड़क के दोनों ओर बैठा दिया गया और परिवार के सदस्य उन्हें पंखा झल रहे थे. कई लोगों ने प्रेसीडेंसी कॉलेज और अन्य इमारतों की बाड़ को फांदने की कोशिश की, ताकि पेड़ों के नीचे थोड़ी छाया और सांस लेने के लिए जगह मिल सके. इस स्थिति के बीच कार्तिकेयन ने संघर्ष किया और लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर नेपियर ब्रिज पहुंचे. यह जानते हुए कि उनका परिवार अब और नहीं चल सकता, कार्तिकेयन ने उन्हें बस स्टॉप के पास रुकने के लिए कहा.
'मेरे पति जमीन पर बेहोशी की हालत में पड़े थे'
कार्तिकेयन की पत्नी शिवरंजनी ने कहा कि मेरे पति पार्किंग से अपनी बाइक लेने गए थे. मैं उनसे कॉन्टैक्ट नहीं कर पा रही थी, क्योंकि वहां फोन काम नहीं कर रहे थे. दो घंटे तक मैं इंतजार करती रही. मैं फिर भी फोन करती रही और अचानक 3.15 बजे किसी ने कॉल रिसीव की और मुझे बताया कि मेरे पति बेहोश हो गए हैं और मुझे तुरंत मौके पर पहुंचने के लिए कहा. मौके पर जाने में मुझे सिर्फ 10 मिनट लगे. वहां मैंने अपने पति को जमीन पर बेहोशी की हालत में पड़ा देखा. हम उन्हें एंबुलेंस में लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. मुझे नहीं पता कि दो घंटे तक उनके साथ क्या हुआ. इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
इसके बाद शिवरंजनी जब कार्तिकेयन के पार्थिव शरीर को लेने राजीव गांधी सरकारी अस्पताल के सामने इंतजार कर रही थीं, तो उन्हें बताया गया कि 'मौत का कारण' पता नहीं चल सका है. लेकिन शिवरंजनी ने पति की मौत का कारण पता चलने तक शव लेने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्हें ये देखकर झटका लगा कि अधिकारियों ने उनके दूर के एक रिश्तेदार को ले जाकर उसके हस्ताक्षर लिए और शव को एम्बुलेंस में रख दिया. शिवरंजनी ने बताया कि मुझे नहीं पता था कि वहां क्या क्या हो रहा है, न तो मैंने और न ही कार्तिकेयन की मां ने कागजात पर हस्ताक्षर किए.
मौके पर जरूरी व्यवस्थाएं कराई गई
निगम के एक अधिकारी ने बताया कि सर्विस लेन में पीने के पानी की व्यवस्था कराई गई थी, लेकिन भीड़ पहले ही मुख्य सड़क पर आ गई थी, जिसे नियंत्रित किया जाना चाहिए था. एक सूत्र ने बताया कि अवाडी रिजर्व में सशस्त्र बल के जवान आसानी से उपलब्ध थे, जिनका इस्तेमाल भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता था.
सुबह 8 बजे से ही जुटने लगी थी भीड़
रविवार को लाखों लोग सुबह 8 बजे ही एयर शो देखने के लिए एकत्र हो गए. लोग अपने साथ छाते और पानी लेकर आए थे, लेकिन सिर के ऊपर तपता सूरज और नीचे रेतीली जमीन ने गर्मी का स्तर काफी बढ़ा दिया था. वहां उपलब्ध व्यवस्थाएं करीब 6 घंटे तक टिकने के लिए पर्याप्त नहीं थीं. एयर शो खत्म होने के बाद लोग वहां से तुरंत निकल जाना चाहते थे. पुरुष, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी गर्मी से परेशान थे, हालांकि मरीना बीच पर 7500 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन मरीना रोड पर कोई भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा, क्योंकि वे VIP लोगों के लिए रूट क्लियर करवाने में बिजी थे.
मरीना बीच पर कब-कब उमड़ा जनसैलाब?
बता दें कि मरीना बीच पर पहले भी भारी संख्या में भीड़ जुट चुकी है, चाहे वह अन्ना दुरई, एमजी रामचंद्रन, जयललिता और करुणानिधि जैसे राजनीतिक दिग्गजों के निधन के बाद उन्हें अंतिम विदाई देने उमड़ा जनसैलाब हो या जल्लीकट्टू को लेकर विरोध प्रदर्शन, जहां एक सप्ताह से अधिक समय तक लगभग 10 लाख लोग एकत्रित हुए थे.