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आगरा-प्रयागराज समेत 12 औद्योगिक स्मार्ट शहर बनाने को कैबिनेट ने दी मंजूरी, 10 राज्यों को करेंगे कवर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी परियोजना को मंजूरी दी है. परियोजना के तहत 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 30 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रोजेक्ट की कुल लागत 28,602 करोड़ होगी.

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कैबिनेट ने 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों को मंजूरी दी है
कैबिनेट ने 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों को मंजूरी दी है

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी परियोजना को मंजूरी दी है. परियोजना के तहत 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 30 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रोजेक्ट की कुल लागत 28,602 करोड़ होगी. इसमें 1.52 लाख करोड़ की निवेश क्षमता होगी. उन्होंने कहा कि ये औद्योगिक स्मार्ट सिटी नेशनल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरिडोर प्रोग्राम (NIDCP) के तहत बनाए जा रहे हैं. इस योजना के जरिए 10 राज्यों को कवर किया जाएगा. इन्हें 6 प्रमुख कॉरिडोर के साथ रणनीतिक रूप से प्लान किया गया है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार इन परियोजनाओं पर 28,602 करोड़ रुपये खर्च करेगी. कैबिनेट ने नेशनल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरिडोर प्रोग्राम के तहत 12 औद्योगिक स्मार्ट शहर बनाने को मंजूरी दी है. ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, यूपी के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओरवाकल और कोपार्थी के साथ ही राजस्थान के जोधपुर-पाली में डवलप किए जाएंगे. इन औद्योगिक केंद्रों में 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है. 

कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद पीआईबी के डीजी ने X पर पोस्ट कर कहा कि भारत में जल्द ही स्वर्णिम चतुर्भुज की रीढ़ पर औद्योगिक स्मार्ट शहरों की एक भव्य माला तैयार होगी, क्योंकि कैबिनेट ने नेशनल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरिडोर प्रोग्राम के तहत 12 विश्व स्तरीय ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों को मंजूरी दे दी है. NIDCP के तहत 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहरों की मंजूरी भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावर बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 296 किलोमीटर लंबी तीन प्रमुख रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी दी है, जिनकी अनुमानित लागत 6,456 करोड़ रुपये है. इन परियोजनाओं से रेलवे कनेक्टिविटी बढ़ेगी. साथ ही क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. खासकर ओडिशा के नुआपाड़ा और झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जैसे जिलों में यह योजना काफी फायदेमंद साबित हो सकती है.

कैबिनेट ने रेलवे के तीन इंफ्रा प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी है. 

- जमशेदपुर पुरूलिया आसनसोल (थर्ड लाइन- 121 km)

- सुंदरगढ जिले के सरडेगा से रायगढ जिल के भालूमुडा तक के लिए 37 किमी लंबी नई डबल लाइन को मंजूरी 

- बरगढ रोड से नवापारा (ओडिशा) तक के लिए 138 किमी लंबी नई लाइन को मंजूरी 
 

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्टर फंड विस्तार का ऐलान  

मंत्रिमंडल ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्टर फंड के विस्तार की भी घोषणा की, जिसे सबसे पहले साल 2020 में 1 लाख करोड़ रुपये के बजट के साथ लॉन्च किया गया था. यह फंड फसल कटाई के बाद के कृषि अवसंरचना जैसे पैक हाउस, कोल्ड स्टोरेज, रेफ्रिजरेटेड वाहन और प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए निर्धारित है.

अब एग्रीकल्चर इंफ्रा फंड का विस्तार किया गया है, इसके तहत अब इंटीग्रेटेड सेकेंडरी प्रोसेसिंग और पीएम-कुसुम योजना के घटक A को शामिल किया जाएगा. अब इन परियोजनाओं के लिए ऋण गारंटी प्रदान किया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों का मूल्य संवर्धन करने और कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने में सहायता करना है.

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पूर्वोत्तर में जलविद्युत परियोजनाओं के लिए सहायता का ऐलान

सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए 4,136 करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान किया है, जिसमें 62 गीगावाट जलविद्युत उत्पादन की क्षमता है. इस क्लीन एनर्जी इनीशिएटिव से क्लाइमेट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान मिलने और पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास लाने की उम्मीद है. 

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