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मानसून की दस्तक से पहले ही ढहने लगी इमारतें... राजधानी में तीन साल में हो चुके हैं 5 बड़े हादसे

घटना के बाद भाजपा ने दिल्ली नगर निगम की मेयर पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कहा है कि, एमसीडी आयुक्त को खतरनाक इमारतों के लिए विशेष सर्वेक्षण का आदेश तुरंत देना चाहिए. एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि असाधारण गर्मी में पुरानी जर्जर इमारतों में दरारें पड़ जाती हैं और अगामी मानसून में यह बहुत घातक साबित हो सकता है.

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नई दिल्ली में सड़क धंसने के बाद ढही इमारत
नई दिल्ली में सड़क धंसने के बाद ढही इमारत

राजधानी दिल्ली के चूड़ीवालान इलाके में सोमवार को अचानक सड़क धंसने की वजह से संगमरमर वाली मस्जिद ढह गई. इस हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त मस्जिद पूरी तरह से खाली थी, जिसकी वजह से बड़ा हादसा टल गया.

पुलिस ने बताया कि दिल्ली के चूड़ीवालान इलाके में अचानक सड़क धंसने की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंचे के बाद मालूम हुआ कि सड़क धंसने की वजह से संगमरमर वाली मस्जिद ढह गई. ये हादसा दोपहर पौने तीन बजे करीब ये हादसा हुआ. अधिकारियों ने बताया कि पुरानी दिल्ली के हौज काजी इलाके में सोमवार को एक मस्जिद की दीवारों में दरारें दिखने के कुछ ही मिनट बाद उसका एक हिस्सा ढह गया.

बीजेपी ने मेयर पर साधा निशाना
घटना के बाद भाजपा ने दिल्ली नगर निगम की मेयर पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कहा है कि, एमसीडी आयुक्त को खतरनाक इमारतों के लिए विशेष सर्वेक्षण का आदेश तुरंत देना चाहिए. एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि असाधारण गर्मी में पुरानी जर्जर इमारतों में दरारें पड़ जाती हैं और अगामी मानसून में यह बहुत घातक साबित हो सकता है. दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर का आरोप है कि दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय की लापरवाही के कारण ही ये इमारत गिरी.  

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कपूर ने कहा है कि 2 सप्ताह पहले मैंने महापौर और नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर खतरनाक इमारतों का तत्काल सर्वेक्षण करने और सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की थी. दूसरी तरफ MCD का कहना है कि सर्वेक्षण चल रहा है और सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं. दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि महापौर को दिल्लीवासियों को जवाब देना चाहिए कि यदि सर्वेक्षण चल रहा था तो चूड़ीवालान में सोमवार को ढही पुरानी मस्जिद को क्यों नहीं चिह्नित किया गया था. महापौर को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और एमसीडी को आसपास की इमारतों को हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहिए. 

मानसून से पहले हो खतरनाक इमारतों के सर्वे
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने आयुक्त एमसीडी से आग्रह किया है कि वे खतरनाक इमारतों के लिए तुरंत विशेष सर्वेक्षण का आदेश दें और मानसून से पहले इमारतों की मरम्मत करने के इच्छुक लोगों को दिशा-निर्देश जारी करें. मानसून से पहले खतरनाक इमारत के सर्वे में दिल्ली नगर निगम ने 60 ऐसी इमारतों को स्पॉट किया है जहां पर मरम्मत की जरूरत है. दावा है कि 24 इमारतों की मरम्मत भी हो चुकी है. पांच इमारतों को जर्जर घोषित किया गया है. 30 जून तक निगम यह सर्वे पूरा कर लेगा.

ऐसे होता है दिल्ली नगर निगम का सर्वे 
मानसून से पहले तीनों नगर निगम के इंजीनियर सर्वे के बाद खतरनाक भवनों की मरम्मत का सुझाव देते हैं. जर्जर हो चुकी इमारतों को नोटिस देकर खाली कराते हैं. नोटिस मिलने के महीने भर के अंदर इन्हें खाली करना होता है. इन इमारत को लेकर इंजीनियर सुझाव देते हैं इनमे किसी मशीन का इस्तेमाल नहीं होता है.  

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दिल्ली में इमारत गिरने के 5 बड़े हादसे 

25 अप्रैल 2022 को सत्य निकेतन में इमारत गिरी पांच घायल हुए 
24 जुलाई 2022 को मुस्तफाबाद में इमारत गिरी एक की मौत और 6घायल 
9 सितंबर 2022 को आजाद मार्केट में निर्माणाधीन  इमारत गिरी तीन की मौत 
8 अक्टूबर 2022 को फराश खान में इमारत गिरी 4 की मौत 
7 अगस्त 2021 को दो मंजिला इमारत गिरी तीन घायल

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