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न्यूज वेबसाइट पर भड़के संबित पात्रा, पोर्टल को बताया अंतरराष्ट्रीय साजिश, फंडिंग पर भी उठाए सवाल

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने न्यूजक्लिक वेबसाइट पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि देश में एक ऐसा सरगना है जो देश को नीचे दिखाने के लिए काम कर रहा है. यह एक तरह की अंतरराष्ट्रीय साजिश है.

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (फाइल फोटो-PTI)
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • न्यूज वेबसाइट की फंडिंग पर उठे सवाल
  • बीजेपी ने लगाया अंतरराष्ट्रीय साजिश का आरोप
  • विदेश में भी चल रही टूलकिट की साजिश

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने इस वेबसाइट को अंतराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा बताया है और अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप भी लगाया है. उन्होंने वेबसाइट की इंटरनेशनल फंडिंग पर भी सवाल खड़े किए हैं.

संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'देश में एक ऐसा सरगना है, जो देश को ही नीचे दिखाने के लिए काम कर रहा है. ये एक तरह की अंतरराष्ट्रीय साजिश है. न्यूजक्लिक से संबंधित एक खबर में आपने पढ़ा होगा कि करोड़ों रुपये विदेशों से संदिग्ध रूप से हिंदुस्तान में आए हैं. उसका एक ही मकसद है कि हिंदुस्तान की सरकार को फेल बताना और विदेश की कुछ ताकतों का एजेंडा चलाना.'

संबित पात्रा ने कहा, 'आज जो न्यूजक्लिक के बारे में तथ्य सामने आया है, उसमें एक बात साफ है कि टूलकिट केवल हिंदुस्तान के कुछ राजनीतिक दल ही नहीं चला रहे हैं, बल्कि बल्कि भारत के बाहर भी एक ऐसी साजिश हो रही है, जो इस टूलकिट का हिस्सा है.'

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अराजकता फैलाना चाह रहे हैं कुछ मीडिया पोर्टल 

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि मीडिया की चादर ओढ़कर पोर्टल चलाने वाले कुछ एक्टिविस्ट हैं, जिनके साथ कुछ विदेशी ताकतें हैं और भारत के कुछ मेन स्ट्रीम के राजनेता भी हैं. इनका एक ग्रुप बना है. पूरे सामंजस्य के साथ ये काम करते हैं, इनका मकसद होता है कि देश में भ्रम और अराजकता फैले.

केंद्र सरकार की वैक्सीन मैत्री नीति को लेकर भी उन्होंने विपक्ष को घेरा. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हमारी वैक्सीन नीति की सराहना की गई. वैक्सीन मैत्री पर दूसरे देशों ने सराहना की. देश और वैक्सीन नीति को बदनाम करने की कुचेष्टा कुछ लोगों ने, संस्थाओं ने और पोर्टल्स ने की है.


विदेशी फंडिंग पर पोर्टल को घेरा

संबित पत्रा ने ई़डी की जांच का जिक्र करते हुए कहा कि यह विदेशी फंडिंग के जरिए हो रहा था. उन्होंने कहा कि न्यूजक्लिक में बाहरी ताकतें फंड भेजती थीं. यह पीपीके नाम की कंपनी के अंतर्गत आती है. इन्होंने 9 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(FDI) को स्वीकार किया है. इसमें से मुख्य रूप से विदेश के 3 लोग शामिल थे. इसके अलावा करीब 30 करोड़ रुपये इन्हें विदेश की अलग-अलग एजेंसियों से मिलीं. 
 

 

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