आजतक रेडियो पर हम रोज लाते हैं, देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’ जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की खबरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अखबारों की सुर्खियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. जानिए, आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन खबरों पर बात कर रहे हैं?
मिशन 2024 की तैयीर में जुटी भाजपा
2024 लोकसभा चुनाव के लिए दो साल बचे हैं. धीरे-धीरे ही सही अब उसको लेकर हलचल भी शुरू हो चुकी है. विपक्ष एकता की कोशिशों में जुटा है तो बीजेपी अपने बूते तैयारियों में जुट गई है. हालांकि लगतार दूसरी बार सत्ता पर काबिज बीजेपी की राह इस बार थोड़ी अलग होगी. 2019 में एनडीए में बीजेपी के साथी रहे जदयू और अकाली दल अलग हो चुके हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना को तोड़कर सरकार में तो बीजेपी आ गई है लेकिन ठाकरे खेमा अब भी दूर है. कुल मिला कर अगले डेढ़ साल पार्टी के लिए अहम होंगे. सत्ता में मजबूत जनादेश के साथ काबिज़ पार्टी के लिए विपक्ष के मुकाबले काफी कुछ खोने को भी है, ऐसे में तैयारियां भी उसी अनुसार होंगी. कहा जा रहा है कि बीजेपी इस बार उन 144 सीटों पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है, जहां 2019 में वो चुनाव हार गई थी या जीत का मार्जिन कम था. इसके अलावा संगठन के लेवल पर भी कई तरह के बदलाव की रणनीति है और बीजेपी सबसे पहले उन सीटों पर फोकस कर रही हैं जहां वो चुनाव हार गई थी, या कम अंतर से जीती थी इन सीटों पर किस तरह की रणनीति अपनाने जा रही है पार्टी?
पंजाब सरकार भर्ती में नहीं कर रही सेना का सहयोग?
पंजाब में केंद्र की अग्निपथ योजना एक बार फिर विवादों में है. सेना ने ने पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर चेतावनी दी है. इंडियन आर्मी का कहना है कि अग्निपथ योजना के के तहत आयोजित होने वाली भर्ती रैलियों के लिए स्थानीय प्रशासन ठीक से सहयोग नहीं कर रहा है. और अगर यही रवैया रहा तो भर्ती रैलियों को या तो स्थगित कर दिया जाएगा या पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट कर दिया जाएगा. जालंधर में सेना के कैम्प के जोनल भर्ती अधिकारी ने पंजाब सरकार को एक पत्र लिखा है। सवाल ये है कि ये विवाद इतना कैसे बढ गया कि आर्मी को पत्र लिखने की नौबत आ गई और सेना ने पंजाब सरकार पर कोआपरेट न करने के आरोप में कहा क्या गया है? इन आरोपों पर और भर्ती के आयोजन पर भी तलवार लटक रही है क्या?
कैसे बची सौरव गांगुली और जय शाह की कुर्सी?
सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के पद पर मंडराता खतरा ख़त्म हो गया. कोर्ट ने बीसीसीआई को संविधान संसोधन की मंजूरी दे दी. दरअसल लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू होने के बाद ये प्रावधान जोड़ा गया था कि कोई भी व्यक्ति अगर छह साल तक क्रिकेट फेडरेशन के पद पर रहता है तो उसके बाद उसे तीन साल के लिए पद छोड़ कर कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना पड़ेगा, जिसके बाद ही उसे नया पद मिलेगा. गांगुली पहले ही स्टेट फेडरेशन के पद पर रह चुके थे, इसलिए बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति ग़लत कही जा रही थी. सो 2020 में अध्यक्ष बनते ही उन्होंने कोर्ट में याचिका डाली थी कि इस प्रावधान में संशोधन किया जाए. कोर्ट ने कल इसे मंजूरी देते हुए बीसीसीआई को संविधान संशोधन की इजाजत दे दी. तो कोर्ट ने अभी ये छूट किस आधार पर दी?
पराली के धुएं कैसे मिलेगी दिल्ली को निजात?
जाड़े के दस्तक देने के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण पर बात शुरू हो जाती है. कोहरे के साथ प्रदूषण भयानक तौर पर दिखता है। दीवाली आते ही ये प्रदूषण और भयानक स्तर पर रिकॉर्ड होता है. हालांकि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगा दिया है, केंद्र सरकार पराली न जलाने को लेकर शुरू की गई योजनाओं को लेजर हरियाणा-पंजाब समेत कई राज्यों को अनुदान भी दे रही है.लेकिन हर साल ही ये समस्या बढ़ती जा रही है. इस बार भी सितंबर आधा बीत चुका है. और अक्टूबर आते ही इस समस्या पर बहस तेज़ हो जाएगी. आखिर क्यों ये समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है और दिल्ली को इसका हल क्यों नहीं मिल पा रहा?
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