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सिंधु जल संधि को लेकर आज अमित शाह के आवास पर बड़ी बैठक, कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी की बैठक में कड़े फैसले लिए गए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला भी शामिल है. भारत-पाकिस्तान के बीच साल 1960 से सिंधु जल समझौता लागू है. सिंधु नदी को पाकिस्तान की लाइफ लाइन माना जाता है.

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सिंधु जल संधि को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बड़ी बैठक
सिंधु जल संधि को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बड़ी बैठक

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार लगातार एक्शन मोड में है. सरकार ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है. इसे लेकर आज गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर एक अहम बैठक होगी. बैठक में जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल समेत कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है.

भारत ने पाकिस्तान को एक औपचारिक पत्र लिखकर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की सूचना दे दी है. जल शक्ति मंत्रालय में सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय में सचिव सैय्यद अली मुर्तुजा को यह पत्र लिखा है. पत्र में लिखा गया है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार को संधि में बदलाव के लिए नोटिस दिया है. 

सरकार ने कहा, 'आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा पाकिस्तान'

नोटिस में कहा गया है कि संधि की कई मूल बातों में बदलाव आ गया है और इस पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है. जनसंख्या में बदलाव, स्वच्छ ऊर्जा का विकास और संधि के अनुसार जल बंटवारे को लेकर कई आधारों में बदलाव हुआ है. किसी भी संधि को सही भावना के साथ लागू करना चाहिए लेकिन पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.

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सरकार ने कहा, 'सुरक्षा को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण भारत संधि प्रदत्त अधिकारों का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पा रहा है. पाकिस्तान ने संधि की कई शर्तों को नहीं माना है और न ही भारत के साथ संधि के बारे में बातचीत के लिए तैयार हुआ है. इसलिए भारत सरकार ने फैसला किया है कि 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित किया जा रहा है.'

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया फैसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी की बैठक में कड़े फैसले लिए गए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला भी शामिल है. भारत-पाकिस्तान के बीच साल 1960 से सिंधु जल समझौता लागू है. सिंधु नदी को पाकिस्तान की लाइफ लाइन माना जाता है. करीब 21 करोड़ से ज्यादा की आबादी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए सिंधु और उसकी चार सहायक नदियों पर निर्भर रहती है. 

फैसले का पाकिस्तान पर क्या होगा असर?

पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती लायक भूमि, जो की करीब 16 मिलियन हेक्टेयर है, सिंधु नदी के ही पानी से सिंचित होती है. पाकिस्तान में सिंधु और सहायक नदियों के पानी का 90 फीसदी हिस्सा सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसके बिना पड़ोसी मुल्क के किसानों की कमर टूट जाएगी. इसके अलावा सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर पाकिस्तान के प्रमुख शहर कराची, लाहौर, मुल्तान निर्भर रहते हैं. यही नहीं, तरबेला और मंगला जैसे पॉवर प्रोजेक्ट भी इन नदियों के सहारे की चल रहे हैं.

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