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15 हजार करोड़ रुपये के स्वदेशी हथियार खरीदेगी सेना, आकाश मिसाइल और ध्रुव हेलिकॉप्टर्स भी शामिल

डिफेंस सूत्रों ने कहा, ये दो प्रोजेक्ट्स 15000 करोड़ रु के हैं. माना जा रहा है कि इससे देश की सीमाओं की रक्षा करने की भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा. आकाश एस मिसाइल के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि आकाश मिसाइल के नए वेरिएंट को खरीदने की योजना है.

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 ध्रुव हेलिकॉप्टर (फाइल फोटो)
ध्रुव हेलिकॉप्टर (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस डील से भारतीय सेना की क्षमता को मिलेगा बढ़ावा
  • राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी जल्द दे सकती है मंजूरी

रक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी 'मेक इन इंडिया' अभियान को एक बड़ा बढ़ावा मिलने वाला है. दरअसल, भारतीय सेना ने 15000 करोड़ रुपये में आकाश मिसाइल और एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर्स समेत स्वदेशी हथियार प्रणाली खरीदने का फैसला किया है. 

डिफेंस सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण काउंसिल जल्द ही एयर डिफेंस के लिए आकाश मिलाइलों की दो रेजिमेंट्स और 25 एएलएच हेलिकॉप्टर्स की खरीद के प्रस्ताव पर मंजूरी दे सकती है. ये हेलिकॉप्टर्स आर्मी की एविएशन विंग को सौंपे जाएंगे. 

भारतीय सेना की बढ़ेगी क्षमता
डिफेंस सूत्रों ने कहा, ये दो प्रोजेक्ट्स 15000 करोड़ रु के हैं. माना जा रहा है कि इससे देश की सीमाओं की रक्षा करने की भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा. आकाश एस मिसाइल के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि आकाश मिसाइल के नए वेरिएंट को खरीदने की योजना है. इनमें लगे नए स्वदेशी सीकर दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को 25-30 किलोमीटर तक की दूरी तक एक्यूरेसी के साथ टारगेट कर सकते हैं. 
 
इतना ही नहीं ये मिसाइलें लद्दाख जैसे अत्यधिक ठंड के मौसम में दुश्मनों को जवाब देने में सक्षम हैं. ऐसे में ये आकाश-एस मिसाइल चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर पहाड़ी और अन्य क्षेत्रों में भारतीय सेना की सभी जरूरतों को पूरा करेंगी. 

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DRDO ने बनाई है आकाश मिसाइल
आकाश मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. अभी इसका इस्तेमाल भारतीय सेनाओं द्वारा किया जा रहा है. लेकिन अब इसके अपग्रेड वर्जन को खरीदने की योजना है. DRDO ने हाल ही में आकाश मिसाइल प्रणालियों के आकाश-नई पीढ़ी के संस्करण का भी परीक्षण किया है. इसका इस्तेमाल कर सैनिक दुश्मनों के अधिक दूरी पर स्थित ठिकानों पर टारगेट कर सकते हैं. इन्हें उत्तरी सीमाओं पर बहुत अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों से भी संचालित किया जा सकता है. 

ध्रुव मार्क 3 हेलिकॉप्टर खरीदने पर भी विचार कर रही सेना
इसके अलावा सेना अपने विमानन स्क्वाड्रनों के लिए 25 एएलएच ध्रुव मार्क 3 हेलिकॉप्टर खरीदने पर भी विचार कर रही है. भारतीय सेना स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमता का लगातार समर्थन करती रही है. ऐसे में भारतीय सेना की सूची में ऐसे कई हथियार और उपकरण शामिल हैं, जिसका निर्माण देश में ही किया जा रहा. 

 

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