कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में शुक्रवार को ब्लास्ट हुआ. इस ब्लास्ट में नौ लोग घायल हुए हैं. कैफे में ब्लास्ट से कुछ समय पहले तक पटना के सॉफ्टवेयर इंजीनियर कुमार अलंकृत भी वहां मौजूद थे. अलंकृत ही वह शख्स थे, जिन्होंने कैफे में हुए ब्लास्ट का पहला वीडियो शेयर किया था.
इस पूरी घटना के बारे में बताते हुए अलंकृत ने बताया कि मैंने अभी अपना ऑर्डर लिया ही था कि अचानक मेरी मां का फोन आया. मैं फूड काउंटर से 10-15 मीटर दूर चला गया. कुछ सेकंड बाद मैंने एक तेज आवाज सुनी और चारों ओर धुआं देखा.
अलंकृत ने इस ब्लास्ट की भयावहता बताते हुए कहा कि इस तरह का खौफनाक मंजर उसने इससे पहले कभी नहीं देखा था. वह रामेश्वरम कैफे की व्हाइटफील्ड ब्रांच में लंच करने गए थे. इस ब्लास्ट में 9 लोगों के घायल हुए हैं. हालांकि, अलंकृत का दावा है कि ब्लास्ट में 15 से ज्यादा लोगों को चोटें आईं. उन्होंने कई लोगों को जले हुए और उनके कानों से खून निकलते हुए भी देखा.
24 साल के अलंकृत बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. वो ब्रूकफील्ड में किराये के मकान में रहते हैं. यहीं से कुछ ही दूरी पर रामेश्वरम कैफे है.
'कैफे में भगदड़ जैसी स्थिति थी'
उन्होंने बताया, 'मैंने एक इडली और एक डोसा ऑर्डर किया था. इडली खत्म करने के बाद मैं डोसा काउंटर के बाद गया. मैं आमतौर पर डोसा पिकअप प्वॉइंट के पास वाले एरिया में ही बैठता हूं. लेकिन आज जैसे ही मैं अपना डोसा लिया, मेरी मां का कॉल आया. कैफे के अंदर बहुत शोर था, इसलिए मैं बाहर आ गया. मैं मां से बात कर ही रहा था कि तभी अचानक पीछे से जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी.'
अलंकृत ने बताया कि भगदड़ जैसी स्थिति थी क्योंकि लोगों की भारी भीड़ बाहर आ गई थी. उन्होंने कहा, 'इतनी तेज आवाज मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सुनी. मैंने किचन से बहुत सारा धुआं निकलते देखा.'
उन्होंने कहा, 'एक महिला के कपड़े पीछे से फट गए थे. एक व्यक्ति के सिर से खून बह रहा था. 80 साल की दो बुजुर्ग महिलाओं का खून बह रहा था और लोग उन्हें पट्टियां बांध रहे थे.'
रामेश्वर कैफे के स्टाफ के पांच लोग घायल
अलंकृत ने बताया कि रामेश्वर कैफे के स्टाफ के कम से कम पांच लोग गंभीर घायल हो गए. एक रो रहा था. तेज आवाज के कारण कई लोगों ने अपने कान पकड़ लिए थे. उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आने के बाद हालात काबू में आए. मैं लोगों के चेहरे पर डर देख सकता था. लोग सदमे में थे.
अलंकृत ने कहा, 'आज मैं अपनी मां की वजह से बच गया. अगर उस समय उनका फोन नहीं आता, तो मैं उस काउंटर के पास बैठा होता, जहां मैं आमतौर पर बैठता हूं. और घायल हो सकता था. इसलिए हम कहते हैं, मां भगवान की तरह होती है.'
बता दें कि बेंगलुरु कैफे में ब्लास्ट करने वाले आरोपी की पहचान कर ली गई है. उसकी उम्र 28 से 30 साल बताई जा रही है. सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वो कैफे में आया और काउंटर से कूपन लिया. उसने रवा इडली का ऑर्डर दिया, लेकिन खाया नहीं. जिस बैग में बम था, उसे रखकर बाहर चला गया.