पश्चिम बंगाल के एक शख्स शांतनु सिन्हा ने बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय पर यौन शोषण जैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए थे. इन आरोपों के बाद मालवीय ने उन पर 10 करोड़ रुपये का मुकदमा दायर किया था. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बीच अब सिन्हा ने अपने आरोप वापस लेते हुए सफाई दी है.
शांतनु सिन्हा ने कहा है कि ये बहुत पीड़ादायक है कि इस देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी कांग्रेस मेरे फेसबुक अकाउंट से की गई पोस्ट को तोड़-मरोड़कर पेश कर अमित मालवीय और बीजेपी के खिलाफ नफरती प्रचार कर रही है.
उन्होंने कहा कि मेरी पोस्ट में कहीं भी नहीं कहा गया है कि मालवीय महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं. बल्कि मैंने कांग्रेस पार्टी की ओर से फैलाए हनीट्रैप के जाल को लेकर अपना डर जाहिर किया था. हम कैलाश विजयवर्गीय, सिद्धार्थ नाथ सिंह और प्रदीप जोशी के कार्यकाल के दौरान भी इस तरह के हनीट्रैप के मामले देख चुके हैं. ममता बनर्जी कई बार हनीट्रैप की इन क्लिप को सार्वजनिक करने की धमकी दे चुकी हैं.
शांतनु ने कहा कि मैं ये स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं कि इस पोस्ट का उद्देश्य मालवीय की छवि खराब करना नहीं था बल्कि एक चेतावनी की तरह था कि वह हनीट्रैप में नहीं फंसे. अगर मेरी पोस्ट के गलत संदर्भ से मालवीय या कोई और आहत हुआ हो या इससे मेरी पार्टी पर असर हुआ हो. तो मुझे इसका खेद है. मैंने इस पोस्ट में कुछ भी अनर्गल नही लिखा है. इस वजह से मैं अपनी उस पोस्ट को हटा रहा हूं.
शांतनु खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का सदस्य बताया है. इसके साथ ही उनका कहना है कि वह बंगाल एबीवीपी के पूर्व सचिव हैं.
बता दें कि शांतनु सिन्हा ने बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय पर महिलाओं के यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इसके बाद मालवीय ने उन्हें 10 करोड़ रुपये का कानूनी नोटिस भेजा था. इस नोटिस में कहा गया था कि इन आरोपों की प्रकृति बेहद आक्रामक है, क्योंकि इनमें मेरे मुवक्किल (मालवीय) द्वारा कथित तौर पर यौन शोषण का झूठा आरोप लगाया गया है. यह मेरे मुवक्किल की गरिमा और प्रतिष्ठा के लिए घातक रूप से हानिकारक है.