असम के धुबरी जिला परिषद में शुक्रवार को सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) ने बड़ी कार्रवाई की है. वहां धुबरी जिला परिषद के सीईओ बिश्वजीत गोस्वामी और सहायक विकास कार्यक्रम प्रबंधक मृणाल कांति सरकार को गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों पर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में एक्शन लिया गया है. एंटी करप्शन टीम ने सीईओ गोस्वामी के घर से 2.31 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं.
इससे पहले गोस्वामी 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए थे. जांच टीम को धुबरी जिला परिषद में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं. कहा जा रहा था कि जिला परिषद के सीईओ परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने के नाम पर पैसे मांग रहे हैं. एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया और सीईओ गोस्वामी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया. बाद में उनके आवास से 2.31 करोड़ रुपये बरामद किए हैं.
स्वीकृत काम के नाम पर मांगे जा रहे थे पैसे
indiatodayne.in की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप है कि दोनों अफसर दो जिला सदस्यों से 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हुए हैं. DVAC का कहना था कि भ्रष्टाचार के बारे में जनता और जिला परिषद सदस्यों की तरफ से शिकायतें की जा रही थीं. कथित तौर पर दोनों जिला परिषद के अफारों ने प्रत्येक कार्य के लिए अत्यधिक धनराशि की मांग की थी. डीवीएसी ने सूचना मिलने पर कार्रवाई का प्लान बनाया और पीड़ित को पैसे लेकर दोनों अफसरों के पास भेजा.
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गोस्वामी के खिलाफ भ्रष्टाचार की पहले भी आईं शिकायतें
अधिकारियों ने सबूत के तौर पर नकदी और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी जब्त किया है. यह पहली बार नहीं है कि गोस्वामी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. विभिन्न पंचायतों और जिला परिषदों के कई सदस्यों ने उन पर भ्रष्टाचार के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है.