नाबालिग बच्ची से रेप के दोषी आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. हाईकोर्ट ने आसाराम को छह महीने की अंतरिम जमानत दी है.
राजस्थान हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर आसाराम को जमानत दी है. इससे पहले उन्हें तीन बार अंतरिम जमानत मिल चुकी है.कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संगीता शर्मा की पीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुई जमानत दी.
आसाराम के वकील देवदत्त कामत ने कहा कि उनके मुवक्किल लंबे समय से बीमार हैं और जेल में उनका उचित इलाज संभव नहीं है. ऐसे में उन्हें जमानत देने से मेडिकल इलाज में मदद मिलेगी.
दूसरी तरफ एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक चौधरी और पीड़िता के वकील पीसी सोलंकी ने आसाराम की जमानत याचिका का विरोध किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने आसाराम को छह महीने की जमानत दे दी.
आसाराम को मेडिकल आधार पर पहली बार अंतरिम जमानत सात जनवरी 2025 को दी गई थी, जो जुलाई और अगस्त तक बढ़ा दी गई थी. इसके बाद जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की पीठ ने आसाराम की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद आसाराम ने 30 अगस्त को सरेंडर कर दिया था.
बता दें कि 2018 में आसाराम को जोधपुर की एक विशेष POCSO अदालत ने बलात्कार सहित यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में है. लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 15 अगस्त, 2013 की रात आसाराम ने उसे जोधपुर के पास मणाई स्थित अपने आश्रम में बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया.
बता दें कि रेप केस में आसाराम बापू 12 साल की सजा काट चुके हैं. हालांकि, इस दौरान उन्होंने कई बार केस बर्खास्त करने और जमानत पाने की कोशिश की है.