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VIDEO: शिकार करने डेयरी फार्म में घुसा था बाघ, गाय की आवाज पर उठ खड़े हुए सभी पशु और फिर...

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसे देखकर आप भी एकता की ताकत समझ जाएंगे. दरअसल एक गाय पर बाघ ने हमला कर दिया. इसके बाद उस घायल गाय ने आवाज लगाई तो अन्य गायें वहां तुरंत पहुंच गईं और बाघ पर हमला कर अपने साथी को बचा लिया. अब इस घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है.

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गायों से डरकर भागा बाघ
गायों से डरकर भागा बाघ

इंसान अब भले इस दुनिया में एक-दूसरे की मदद ना करें लेकिन जानवर अब भी किसी दूसरे जानवर को मुसीबत में देखकर मदद के लिए आगे आ जाते हैं. कुछ ऐसा ही नजर आया मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जहां एक गाय पर बाघ ने हमला कर दिया.

जब तक बाघ उस गाय को शिकार बना पाता तब तक दूसरी गायों ने आकर उस पर हमला कर दिया और अपने साथी को बचा लिया. दूसरे गाय के हमले से घबराकर बाघ अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकला. अब इस वाकये का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जो लोगों को बेहद पसंद आ रहा है.

यहां देखिए वीडियो          

दरअसल भोपाल के केरवा डेम रोड पर मदर फार्म के पास 18 और 19 जून की रात को एक बाघ नजर आया. जंगल की फेंसिंग से निकलकर वो बाहर आ गया था. रात करीब एक बजे फार्म में झुंड से कुछ दूरी पर बैठी एक गाय पर बाघ ने घात लगाकर हमला कर दिया और उसे पीछे से पकड़ लिया. 

जब तक बाघ गाय की गर्दन पर हमला कर उसको मारता इससे पहले गाय ने चिल्लाना शुरू कर दिया. गाय की आवाज सुनकर उसके साथी गायों ने बचाने के लिए दौड़ लगा दी.

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एक साथ कई गायों को अपनी ओर दौड़कर आता हुआ देखकर बाघ घबरा गया और शिकार छोड़कर वहां से भाग गया. यह पूरी घटना फार्म में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. टाइगर मूवमेंट वाले इस इलाके में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने फेंसिंग की है जिसकी ऊंचाई लगभग 14 फीट है. हालांकि मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से कुछ जगह से उसमें से रास्ता बन गया है.  इसी रास्ते से बाघ गायों के फॉर्म में दाखिल हो गया.

इस मामले में भोपाल वन विभाग के डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि इस इलाके में बाघिन T-123 अपने चार शावकों के साथ दिखाई देती है. संभवत: यह बाघिन के चार शावकों में से एक है जिसकी उम्र लगभग 6 महीने की है. उसके शिकार करने के तरीके से और शिकार में असफल हो जाने से जाहिर हो रहा है कि वह अभी शिकार करने में एक्सपर्ट नहीं हुआ है. 

वन विभाग द्वारा लगातार आम लोगों को हिदायत दी जाती है की टाइगर मूवमेंट एरिया में रात को ना जाएं. इसके अलावा वन विभाग द्वारा इस इलाके में नाइट पेट्रोलिंग भी कराई जाती है.

 

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