आंध्र प्रदेश के बापटला शहर में पुलिस ने गधे के मांस का व्यापार कर रहे सात लोगों को गिरफ्तार किया है. मौके से पुलिस को गधे का 400 किलोग्राम मांस भी बरामद हुआ है. कुल चार जगहों पर पुलिस ने छापे मारे थे. जांच के दौरान पुलिस को गधे का सिर, पैर समेत कई दूसरे अंग मिले. बताया जा रहा है कि आरोपी गधे के मांस को 600 रुपये किलो के दाम पर बेच रहे थे.
गधे के मांस को लेकर बड़े दावे
जानकारी के लिए बता दें कि आंध्र प्रदेश में गधो को मारने की एक पुरानी परंपरा है. दावा तो यहां तक किया जाता है कि गधे के मांस से अस्थमा ठीक किया जा सकता है, उसका खून पीने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है. लेकिन इन दावों को साबित करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है, ऐसे में जो भी गधे के मांस का व्यापार करते हैं, उनके खिलाफ पुलिस सख्त एक्शन लेती है. ऐसा ही एक्शन बापटला में लिया गया है. अभी तक सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है, आगे और भी लोग पकड़े जा सकते हैं.
भारत में गधों को मारने पर रोक
यहां ये जानना भी जरूरी है कि भारत में गधों को मारने पर प्रतिबंध है. अगर कोई गधों को मारता है, तो उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 429 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. आरोपी को पांच साल की सजा, जुर्माना या फिर दोनों भुगतने पड़ सकते हैं. ये कानून इसलिए भी जरूरी बन जाता है क्योंकि पिछले कुछ सालों में देश में गधों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों में बात करें तो 2019 पशुधन जनगणना में गधों की आबादी घटकर 0.12 मिलियन रह गई थी, 2012 में ये 0.32 मिलियन थी.