अगर मन में पढ़ने की लगन हो और शिक्षा अर्जित करने का जुनून तो इंसान किसी भी परिस्थिति में अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया बंगाल के मालदा शहर की रहने वाली मौसमी मंडल ने जिसने बच्चे के जन्म के तुरंत बाद अपनी परीक्षा पूरी की.
दरअसल बंगाल में हायर सेकेंडरी एग्जाम के दौरान शनिवार को इतिहास विषय की परीक्षा होनी थी. उसी सुबह मौसमी मंडल नाम की छात्रा को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी. उन्हें गजोल के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने बेटे को जन्म दिया.
हालांकि इसके बाद भी महिला ने हिम्मत नहीं हारी और इतिहास की परीक्षा दी. अब लोग महिला की तारीफ कर रहे हैं.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार श्याम सुखी गर्ल्स हाई स्कूल की छात्रा मौसमी मंडल गर्भवती थी और छोटाकांदर गांव में अपने पिता के घर रहकर परीक्षा दे रही थी.
शनिवार को इतिहास विषय की परीक्षा से पहले उसे प्रसव पीड़ा होने लगी जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. बच्चे के जन्म के बाद मां और बेटा दोनों स्वास्थ हैं. मौसमी मंडल का ससुराल बंगाल के ही पाकुआ इलाके में है.
बता दें कि इससे पहले भी ऐसा मामला पश्चिम बंगाल में सामने आ चुका है. बीते मार्च महीने में एक गर्भवती महिला 10वीं की बोर्ड परीक्षा दे रही थी और इसी दौरान उसे प्रसव पीड़ा होने लगी. उसके बाद महिला ने अस्पताल के बेड से अपनी पूरी परीक्षा दी. ये मामला भी पश्चिम बंगाल के मालदा का ही था.
चांचल इलाके में गोलपाड़ा हाई स्कूल में 10वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान हाजरा खातून नाम की महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. इसके बाद हाजरा को तुरंत चांचल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया.
दर्द के दौरान भी हाजरा किसी भी कीमत पर अपनी परीक्षा देना चाहती थी. यही वजह है कि हाजरा खातून ने बची हुई परीक्षा अस्पताल के बेड से ही पूरी की. बता दें कि हाजरा खातून की 2 साल पहले ही शादी हुई थी. हाजरा के पति किसान हैं. (इनपुट - मिल्टन पॉल)
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