Amit Shah Fake Video Case: दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक फर्जी वीडियो के मामले में सोमवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी को तलब किया. दिल्ली पुलिस ने रेवंत रेड्डी को उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ पूछताछ के लिए 1 मई को बुलाया है. अब दिल्ली पुलिस उन सभी लोगों को नोटिस भेजेगी जिन लोगों ने एडिटेड वीडियो अपने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर किया. दिल्ली पुलिस ने एक टीम बनाई है जो उन तमाम सोशल मीडिया हैंडल की पहचान कर रही हैं.
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अभी तक सोशल मीडिया प्लेटफार्म X और FB ने दिल्ली पुलिस को कोई रिप्लाई नहीं किया है. दिल्ली पुलिस साइबर सेल की टीम अपने स्तर पर जांच कर रही है. सूत्रों का दावा है कि जल्द ही वीडियो को जेनरेट करने वाले और सबसे पहले सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले की पहचान कर ली जाएगी.
सूत्रों ने बताया कि फेक वीडियो शेयर करने वाले कुछ कांग्रेसी नेताओं सहित पांच और लोगों को भी दिल्ली पुलिस द्वारा तलब किया जाएगा. यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब गृह मंत्रालय और बीजेपी की शिकायतों के बाद एक दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था.
बीजेपी ने दर्ज कराई थी शिकायत
स्पेशल सेल ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और आईटी एक्ट के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि छेड़छाड़ किए गए वीडियो 'समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं, जिससे शांति व्यवस्था बिगड़ने की संभावना है.'
असम पुलिस ने एक को किया गिरफ्तार
मामले में असम पुलिस ने रीतोम सिंह नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है. जानकारी के मुताबिक पुलिस ने रीतोम सिंह को गुवाहटी से गिरफ्तार किया है. असम पुलिस के सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री के एडिटेड वीडियो को वायरल करने के मामले में गोवाहाटी के पान बाजार पुलिस स्टेशन में 28 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी.
फेक वीडियो की क्या है असलियत?
बीजेपी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि गृहमंत्री अमित शाह ने एससी/एसटी या ओबीसी के लिए आरक्षण खत्म करने की बात नहीं की है. यह वीडियो फर्जी है. उन्होंने मूल रूप से कहा था कि सरकार बनते ही बीजेपी मुस्लिम समुदाय को दिए जा रहे असंवैधानिक आरक्षण को हटा देगी. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमें देश के विभिन्न हिस्सों से शिकायतें मिल रही हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इन सभी शिकायतों पर एफआईआर दर्ज की जाए.