
ओडिशा के गजपति जिले में एक 108 सेवा एम्बुलेंस ड्राइवर और स्टाफ ने अपने काम से इंसानियत की मिसाल कायम की है. जिले में हुई बारिश की वजह से कच्ची सड़क पर एम्बुलेंस को गांव तक पहुंचना असंभव हो गया. जिसके बाद एम्बुलेंस ड्राइवर और स्टाफ ने अन्य लोगों की मदद से 7 किलोमीटर पैदल चलकर गर्भवती महिला को स्ट्रैचर पर लिटा कर गाड़ी तक लेकर आए. उसके बाद समय पर गर्भवती महिला को जिले के चंद्रगिरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिला करवाया गया.
ये घटना गजपति जिले के मोहना अंचल अंतर्गत ओलान्डा गांव की है. जहां स्थानीय निवासी राइका सबर ने अपनी गर्भवती पत्नी सुनीला सबर को प्रसव पीड़ा होने के बाद परिवार की सलाह पर 108 सेवा की एम्बुलेंस को कॉल कर गांव में बुलाया. दुर्भाग्य से बारिश के कारण गांव का रास्ता खराब होने की वजह से एम्बुलेंस को गांव से 7 किलोमीटर की दूरी पर खड़ा करना पड़ा.

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आज तक से बातचीत में 108 एम्बुलेंस स्टाफ बिद्याधर ने बताया कि सुबह ओलान्डा गांव से एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए फोन कॉल आया. जिसके बाद हम गांव के लिए रवाना हो गए. हालांकि बारिश के कारण गांव का कच्चा रास्ता खराब होने की वजह से एम्बुलेंस की गाड़ी को गांव से 7 किलोमीटर पर खड़ा करना पड़ा.
उन्होंने बताया कि कुछ देर तक गाड़ी के साथ खड़े रहे लेकिन गांव में गाड़ी को ले जाने का कोई रास्ता नहीं दिखा. जिसके बाद हम गांव जाकर स्थानीय लोगों की मदद से गर्भवती महिला को स्ट्रैचर पर लिटा कर गाड़ी तक लाए. साथ ही प्रसव से पीड़ित महिला को समय पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचा दिया. स्थानीय लोगों ने एम्बुलेंस ड्राइवर और स्टाफ को इस काम के लिए आभार प्रकट किया.