नागालैंड में अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को झटका लगा है. एनसीपी के सात विधायक सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (एनडीडीपी) पार्टी में शामिल हो गए हैं. इन सभी विधायकों ने अपना समर्थन मुख्यमंत्री नेफियू रियो की पार्टी एनडीडीपी को दी है.
एनसीपी विधायकों के एनडीडीपी में शामिल होने को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.
मीडिया से बातचीत के दौरान अजित पवार ने बताया कि उनके विधायकों को उनके क्षेत्र में काम ही नहीं करने दिया जा रहा था. उन्होंने बताया कि दो महीने पहले इन सात विधायकों से मुलाकात हुई थी. इस दौरान विधायकों ने बताया था, 'हमारा कोई काम नहीं हो रहा, हमें परेशानी हो रही है.'
उन्होंने कहा कि विधायकों में बेचैनी थी. इसलिए उन्होंने सत्तारूढ़ एनडीडीपी में रहकर काम करने का रास्ता चुना.
नागालैंड में एनसीपी का पतन होता दिख रहा है. 2023 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने 12 सीटें जीतीं थी. लेकिन उसी साल जुलाई में महाराष्ट्र में एनसीपी दो फाड़ में बंट गई थी. जिसके बाद सात विधायकों ने अजित पवार का समर्थन किया था न कि शरद पवार का. लेकिन अब अजित पवार के गुट वाले एनसीपी का प्रदेश में अब एक भी विधायक नहीं रहा.
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तेनिंग के नामरी नचांग, अटोइज़ु के पिक्टो शोहे, वोखा टाउन के वाई म्होनबेमो हम्त्सो, मोन टाउन के वाई मनखाओ कोन्याक, लॉन्गलेंग के ए पोंगशी फोम, नोक्लाक के पी लोंगोन और सुरुहोतो के एस तोइहो येप्थो.
नागालैंड विधानसभा की वर्तमान स्थिति क्या है?
नागालैंड में एनडीडीपी के पास 32, बीजेपी के पास 12, एनसीपी (शरद पवार) 5, एलजेपी (रामविलास) 2, एपीएफ 2 , आरपीआई (अठावले) 2, जेडीयू एक और निर्दलीय चार विधायक हैं.
अजित पवार की प्रतिक्रिया ये संकेत दे रही है कि सातों विधायक स्थानीय प्रशासनिक असंतोष के कारण पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है, न कि शीर्ष नेतृत्व को लेकर.