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हथियार मिलने के बावजूद अमृतपाल पर UAPA क्यों नहीं लगाया गया? ओवैसी ने उठाया सवाल

AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा है कि भारी मात्रा में हथियार बरामद होने के बावजूद अमृतपाल के खिलाफ यूएपीए का केस दर्ज क्यों नहीं किया गया? ओवैसी ने अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों पर मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर एफआईआर दर्ज नहीं होने पर भी सवाल खड़ा किया है.

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असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी

'वारिस पंजाब दे' संगठन का चीफ अमृतपाल सिंह लगातार पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. उसकी तलाश के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस की टीमों ने तलाशी अभियान शुरू किया है. ऐसे में अब  AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अमृतपाल सिंह को लेकर सवाल उठाए हैं. 

ओवैसी ने ट्वीट कर एक के बाद एक तीन सवाल पूछे हैं. उन्होंने पहला सवाल उठाते हुए कहा कि भारी मात्रा में हथियार बरामद होने के बावजूद अमृतपाल के खिलाफ यूएपीए का केस दर्ज क्यों नहीं किया गया? 

ओवैसी ने इसी तरह दूसरा सवाल पूछते हुए कहा कि अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों पर मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर कई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई या फिर सेबी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? उन्होंने तीसरा सवाल पूछते हुए कहा कि अमीर पीई निवेशकों को टैक्स में छूट क्यों दी गई है और मध्यम वर्ग को इससे महरूम क्यों रखा गया है?

खालिस्तानी विचारधारा के समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ऑपरेशन चला रही है. अब तक 207 से अधिक समर्थकों को हिरासत में लिया जा चुका है. इसमें उसके चाचा और ड्राइवर भी शामिल हैं. कुछ लोगों को रा्ष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में रखा गया है. अमृतपाल सिंह पर भी एनएसए लगाया जा चुका है. एनएसए असल में बेहद सख्त कानून माना जाता है, जिसके तहत पुलिस किसी संदिग्ध को 12 महीने तक हिरासत में रख सकती है. 

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दरअसल अमृतपाल और उसके समर्थकों ने बीती 23 फरवरी को अजनाला पुलिस थाने पर धावा बोल दिया था. उसके समर्थकों ने लाठी, डंडे और तलवार से पुलिस पर हमला किया था. इसी मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर 18 मार्च से अमृतपाल के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया था. सात जिलों की 50 से ज्यादा पुलिस की गाड़ियां इस ऑपरेशन में लगी थी. उसके बावजूद अमृतपाल भागने में कामयाब हो गया. 

भारत के खिलाफ क्या-क्या साजिश रच रहा था अमृतपाल?

- अमृतपाल भारत के खिलाफ खतरनाक साजिश रच रहा था. खुफिया एजेंसियों के डोजियर में सामने आया है कि अमृतपाल नशामुक्ति केंद्रों और गुरुद्वारों का इस्तेमाल हथियार जमा करने और युवाओं को आत्मघाती हमले के लिए तैयार करने में कर रहा था.

- अलग-अलग एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर तैयार इस डोजियर में दावा किया गया है कि अमृतपाल आईएसआई और विदेशों में बैठे खालिस्तानी समर्थकों के इशारे पर काम कर रहा था. वो युवाओं को 'खड़कूस' यानी मानव बम बनाने के लिए उकसा रहा था.

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