सियाचिन में ड्यूटी के दौरान एक अग्निवीर शहीद हो गया. सेना के लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर ने यह जानकारी दी. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और बल के सभी रैंकों ने महाराष्ट्र के अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण की शहीद होने पर शोक व्यक्त किया.
काराकोरम रेंज में लगभग 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है जहां सैनिकों को शीतदंश और तेज़ हवाओं से जूझना पड़ता है. लक्ष्मण की मृत्यु किस वजह से हुई इसका पता अभी नहीं लग पाया है.
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने 'एक्स' पर कहा, बर्फ में चुपचाप रहने के लिए, जब बिगुल बजेगा तो वे उठेंगे और फिर से मार्च करेंगे.' इसमें कहा गया, 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के सभी रैंक सियाचिन की कठिन ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं और परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.
इंडियन आर्मी ने एक्स पर लिखा कि जनरल मनोज पांडे (सीओएएस) और सेना के सभी रैंक के अधिकारी अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हैं. उन्होंने सियाचिन की सर्वोच्च ऊंचाइयों पर बलिदान दिया है. भारतीय सेना बलिदानी जवान के परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में मजबूती से खड़ी है.
सूत्रों ने कहा कि तीनों सेनाओं के सामान्य स्थायी जवानों की तरह अवॉर्ड, मेडल और भत्ता भी दिया जाता है. सरकार ने बताया था कि अग्निवीरों का 44 लाख रुपए का बीमा कराया जाएगा और यदि किसी अग्निवीर का निधन होता है तो उसे यह रकम दी जाएगी. बीमा रकम के अलावा उन्हें बचे कार्यकाल का वेतन भी दिया जाएगा.