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'आप खुद ही फास्ट रख रहे हैं, तो वजन तो कम होगा ही'...सत्येंद्र जैन की याचिका पर बोले जज

सत्येंद्र जैन ने याचिका में कहा था कि उन्हें जेल परिसर में 'जैन आहार' (religious diet) और मंदिर नहीं जाने दिया जा रहा है. सत्येंद्र जैन ने कहा है कि वे बिना मंदिर गए नियमित भोजन नहीं करते हैं. रोज पहले मंदिर जाते हैं, उसके बाद ही कुछ खाते हैं. जैन ने आगे कहा कि वे उपवास में आहार के रूप में फल और सलाद लेते हैं.

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सत्येंद्र जैन
सत्येंद्र जैन

मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्पेशल खाना और मंदिर में नहीं जाने देने को लेकर सीबीआई की विशेष कोर्ट का रुख किया. सत्येंद्र जैन की याचिका पर बुधवार को सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि जब वे ईडी की कस्टडी में थे तब उनका वजन 103 किलो था, अब उनका वजन 75 किलो रह गया है. इस पर जज ने कहा कि आप खुद फास्ट रख रहे हैं, तो वजन तो कम होगा ही. आप ने खुद ही कहा है कि आप 6 महीने से फास्ट पर हैं. 

सत्येंद्र जैन की याचिका पर ऐसे वक्त पर सुनवाई हो रही है, जब उनके तिहाड़ से कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. किसी में वे मालिश कराते तो किसी में तरह तरह का खाना खाते नजर आ रहे हैं. 

जेल प्रशासन ने जवाब के लिए मांगा समय 

वहीं, इस पर जेल प्रशासन ने जवाब देने के लिए 3 दिन का समय मांगा. जेल प्रशासन की ओर से पेश वकील ने कहा कि हम डायटीशियन की रिपोर्ट और 3 दिन में क्या खाना दिया गया, इसकी रिपोर्ट पेश करेंगे. जेल प्रशासन की ओर से दावा किया गया कि जैन में पोषण की कमी नहीं है. जेल प्रशासन ने कहा कि जेल एसपी का ट्रांसफर हो गया. स्टाफ बदल गया. ऐसे में हमें रिपोर्ट पेश करने में तीन दिन लगेंगे. इस पर कोर्ट ने कहा कि इस पर कल ही जवाब दीजिए. 
 
खाना बुनियादी अधिकार- वकील

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सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि भोजन बुनियादी मानव अधिकार है. जेल प्रशासन को इसमें तेजी लानी चाहिए और रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए. वे जरूरी डाइट नहीं दे रहे हैं. इस पर जज ने कहा कि हमें उन्हें भी सुनना होगा. जैन के वकील ने कहा कि सत्येंद्र जैन उपवास पर हैं. जेल मैनुअल के मुताबिक, यदि कोई धार्मिक उपवास पर है तो जरूरी भोजन दिया जाना चाहिए. इसमें 50 ग्राम बादाम, 50 GM मिक्स बीज, 2 अखरोट शामिल हैं. सत्येंद्र जैन को निश्चित अनुपात में प्रोटीन मिलना चाहिए. 

जेल प्रशासन की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह उनका तर्क है कि उनसे खाना वापस लिया गया. हम यह नहीं कह रहे हैं कि खाना वापस ले लिया गया है. वह पहले व्यक्ति नहीं हैं, जो जेल में फास्ट रख रहे हैं. सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा, यह भोजन का मूल अधिकार है. 

क्या कहा याचिका में?

सत्येंद्र जैन ने याचिका में कहा था कि उन्हें जेल परिसर में 'जैन आहार' (religious diet) और मंदिर नहीं जाने दिया जा रहा है. सत्येंद्र जैन ने कहा है कि वे बिना मंदिर गए नियमित भोजन नहीं करते हैं. रोज पहले मंदिर जाते हैं, उसके बाद ही कुछ खाते हैं. जैन ने आगे कहा कि वे उपवास में आहार के रूप में फल और सलाद लेते हैं. मंदिर गए बिना पके हुए भोजन नहीं करने की धार्मिक परंपरा का पालन करते हैं. इसके चलते जेल में पके हुए भोजन, अनाज और दुग्ध उत्पादों का सेवन नहीं कर रहे हैं. पिछले 2 दिन से उन्हें आहार के रूप में फल और सलाद नहीं दिया जा रहा है. इससे उन्हें परेशानी हो रही है.

 

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