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आज का दिन: फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आज से बैन हो जाएंगे?

एक आशंका व्यक्त की जा रही है कि फेसबुक या ट्विटर जैसे जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म क्या आज से भारत में बैन हो जायेंगे? जानिए सरकार की सोशल मीडिया गाइडलाइन क्या थी.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

हम सब एक एक सोशल एनिमल है, इसलिए समाज के बिना जीना बड़ा मुश्किल है, पिछले कुछ एक सालों में समाज से जुड़े रहने के भी मायनों में थोड़ा बदलाव आया है, इसके लिए भी टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जाने लगा. और ईजाद हुआ सोशल मीडिया. सोशल मीडिया के ज़रिए दूरदराज तक लोगों तक बात पहुंचाना आसान हो गया. हज़ारों लाखों लोगों से एक बार में इंटरेक्ट किया जा सकता है. और इन पर जैसे-जैसे लोग जुटे वैसे वैसे ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी ताक़तवर होते गए. यहां तक खबरें आईं कि किस तरह ये प्लेटफ़ॉर्म किसी के पक्ष में या ख़िलाफ़ जनमत तक बनाने में सक्षम हैं. इन मीडिया प्लेटफॉर्म ने लोगों को अपनी बात बिना किसी हिचकिचाहट के रखने का मौका दिया. ऐसे में, सरकारी तंत्र और इन प्लेटफॉर्म्स के बीच रस्साकसी आम हो गयी है. इसी कड़ी में आज से करीब तीन महीने पहले , 25 फरवरी को सरकार ने इन प्लेटफार्म को कुछ नए रूल्स / गाइडलाइन्स फॉलो करने के लिए 3 महीने का टाइम दिया था जिसकी मियाद कल यानी 25 मई को पूरी हो गयी। सूत्रों की मानें तो ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने अभी तक नए रूल्स को फॉलो नहीं किया है। ऐसे में, सरकार के गाइडलाइंस असल में थे क्या जिनको इन्होंने अब तक नहीं माना है ? और, ये जो एक आशंका व्यक्त की जा रही है कि फेसबुक या ट्विटर जैसे जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म क्या आज से भारत में बैन हो जायेंगे?

बस पिछले हफ्ते की ही बात है जब अरब सागर से उठे ताऊते तुफान की वजह से महाराष्ट्र, गुजरात, केरला, राजस्थान जैसे कई राज्यों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात को 1000 करोड़ का राहत पैकज भी दिया था. अब ताऊ ते के एक हफ्ते बाद फिर से एक तूफान की चर्चा ज़ोरो पर है जिसका नाम है यास जो आज ओडिशा में लैंडफॉल करने वाला है. भारतीय मौसम विभाग यानी की IMD की माने तो यास तूफान को पहली मर्तबा मई की 23 तारीख़ को देखा गया था और यह tropical disturbance की वजह से पैदा हुआ है। इसके साथ-साथ मौसम विभाग का कहना है कि आज यानी 26 मई की शाम साढ़े पांच बजे ये तूफान भयंकर रूप ले सकती है, इसकी वजह से हवा की स्पीड 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है. ऐसे में, इस यास तूफान से कौन-कौन से राज्य प्रभावित हो सकते हैं और इसको देखते हुए राज्य सरकारें किस तरह की तैयारियां कर रहीं हैं और क्या कुछ नुकसान होने के आसार हैं?

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पहले भी कितनी महामरियां आईं और गईं इसलिए भरोसा है कि कोविड की ये महामारी भी चली ही जाएगी. लेकिन पूरी तरह से ही इसका नामो निशान मिट जाएगा ये कहना समझना लंबी बातचीत का विषय है. क्योंकि कई बीमारियां जो कभी महामारियां थी आज भी हमारे बीच मौजूद हैं. और कुछ एक्सपर्ट्स अब कोरोना को लेकर भी ये वार्न कर रहे हैं कि ये वायरस शायद हमारे साथ हमेशा के लिए रह जाएगा. पर एक घातक महामारी बन कर नहीं बल्कि एक आम मौसमी बीमारी बनकर. यही बात UN की एक रिसचर्स की टीम ने भी कही थी कि अगर कोरोना ज्यादा समय तक रहा तो ये मौसमी बीमारी बन जाएगा. इस बार कुछ रिसर्चर्स ने पहले की महामारियों और कोरोनावायरस के ट्रेंड  को कंपेयर किया है तब जाकर ये ऑब्जर्वेशन सामने आया है. क्या कोविड आगे चलकर सीज़नल बीमारी बन जायेगा ?

इन ख़बरों पर एनालिसिस के अलावा देश दुनिया के अख़बारों से सुर्खियां और आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए. अमन गुप्ता के साथ 'आज का दिन' में

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