15वें जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत आज शनिवार से होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे. इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब के किंग सलमान करेंगे. शिखर सम्मेलन को 'सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों का एहसास' विषय पर आयोजित किया जा रहा है. 21-22 नवंबर तक चलने वाला यह शिखर सम्मेलन वर्चुअल होगा.
जी-20 देशों के लीडर्स की ये इस साल की दूसरी बैठक है. इससे पहले इसी साल मार्च में बैठक हुई थी. आज से शुरू हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन का फोकस कोरोना महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों पर होगा.
The #G20RiyadhSummit historic virtual Family Photo, projected on the walls of At-Turaif District in Ad-Diriyah.
— G20 Saudi Arabia (@g20org) November 20, 2020
الصورة الجماعية التاريخية الافتراضية لقمة قادة #مجموعة_العشرين، والتي عرضت على جدران حي الطريف في الدرعية. pic.twitter.com/gYtLorIYTb
सम्मेलन से पहले सऊदी ने वापस लिया गलत नक्शे वाला बैंक नोट
इससे पहले सऊदी अरब ने रियाद के नोट पर छपे भारत के गलत मैप को वापस ले लिया. दरअसल, 20 रियाल बैंक नोट पर भारत का गलत मैप छापा गया था, जिसमें अविभाजित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग दिखाया गया था. भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी. इसके बाद नोट को वापस ले लिया गया. जी-20 सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले सऊदी अरब ने ये फैसला लिया.
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जी-20 के बारे में
जी-20 की स्थापना साल 1999 में हुई थी. पहले इस सम्मेलन में अलग-अलग देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर हिस्सा लेते थे. साल 2008 में इसमें देशों के प्रमुखों को शामिल किया गया. इस फैसले का तात्कालिक मकसद 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट पर प्रभावी तरीके से मंथन था.
हालांकि, इसके बाद से यह अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रधान वैश्विक मंच के रूप में उभरा है. जी-20 के सदस्य देश दुनिया के 85 फीसदी सकल घरेलू उत्पादन, 75 फीसदी वैश्विक व्यापार और दुनिया की दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
ये देश हैं जी-20 का हिस्सा
जी-20 बीस देशों का एक समूह है. इसमें अमेरीका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ हैं.