काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए धमाकों में 100 लोगों की मौत हो जाने की खबर है. वहीं 13 सौ से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. इस एयरपोर्ट के दो हिस्से हैं, जिसमें से एक पर अमेरिकी सैनिकों का कब्जा है और दूसरे हिस्से पर तालिबान काबिज है.
ब्लास्ट के बाद आई काबुल से तस्वीरों ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है और तालिबानी शासन का असली चेहरा सभी के सामने रख दिया है. हालांकि, इस हमले में कई तालिबानी लड़ाकों के मारे जाने की भी खबर है.
एयरपोर्ट की 10 खास बातें-
1. एयरपोर्ट पर 3500 मीटर लंबा, 50 मीटर चौड़ा 1 रनवे है
2. काबुल एयरपोर्ट के 2 हिस्से, सिविलियन और टेक्निकल
3. सिविलियन साइड के एयरपोर्ट पर तालिबान का कब्जा है
4. 16 अगस्त से काबुल से कमर्शियल फ्लाइट बंद हैं
5. तकनीकी एरिया अमेरिकी फोर्स और NATO के नियंत्रण में है
6. तकनीकी एरिया काफी बड़ा, यहीं से ही सारी उड़ानें जारी हैं
7. तकनीकी एरिया में तीन गेट- नॉर्थ, ईस्ट और एबे गेट
8. एबे गेट के पास गुरुवार को आत्मघाती धमाका हुआ
9. सोवियत इंजीनियरों ने 1960 में एयरपोर्ट बनाया था
10. एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा विमान एक साथ खड़े हो सकते हैं
क्लिक करें: धमाका-फायरिंग और फिर धमाका, निशाने पर अमेरिकी-ब्रिटिश सैनिक, काबुल हमले की पूरी कहानी...
आपको बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर जिस हिस्से में उड़ानें चल रही हैं, वहां पर अमेरिकी सैनिकों का नियंत्रण है. एयरपोर्ट के बाहर तालिबानी हैं. खुफिया एजेंसियों ने आतंकी हमले का पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया था. लेकिन हमले से एक घंटे पहले ही एयरपोर्ट पर अफरातफरी मच गई. इसके बाद आतंकियों ने धमाकों को अंजाम दिया.
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने का काम जारी रहेगा
काबुल धमाके के बाद भी अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने का काम जारी रहेगा. बताया जा रहा है कि 20 भारतीय अब भी वहां मौजूद हैं जिन्होंने सरकार से निकाले जाने की गुहार लगाई है. भारत सरकार ने काबुल धमाके की निंदा की है. यही नहीं पूरी दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने को कहा है.
एक जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान में फिलहाल 140 अफगान सिंख और हिंदू फंसे हैं. वहीं, 20 भारतीय भी मौजूद हैं जो देश वापस आना चाहते हैं. सूत्रों की मानें तो ये 20 भारतीय ही उसकी लिस्ट में आखिरी हैं, जिन्होंने देश लौटने के लिए सरकार से मदद मांगी है.