महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद को लेकर शिवसेना उद्धव गुट और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना एक साथ आ गए हैं, जिसके तहत उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 5 जुलाई को एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे. सत्ता पक्ष ने इस आंदोलन को 'नौटंकी' बताया है और सवाल उठाया है कि फरवरी 2022 में जब उद्धव ठाकरे स्वयं मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने हिंदी भाषा को स्वीकार किया था.