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कोर्ट में कदम रखे बिना ही दंपति ने ले लिया तलाक, ये है पूरा मामला

बाली स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने तलाक की याचिका और पावर ऑफ अटॉर्नी से जुड़े दस्तावेजों को सत्यापित करने की अनुमति दी. जिसके बाद पति की तरफ से बांद्रा फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दायर की गई.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोर्ट में कदम रखे बिना ही दंपति ने ले लिया तलाक
  • 19 साल पहले दोनों ने की थी शादी
  • लगभग दो साल से रह रहे थे अलग

मुंबई में एक शादीशुदा जोड़े ने बिना कोर्ट गए ही आपसी सहमति से तलाक की प्रकिया पूरी कर ली और बांद्रा फैमिली कोर्ट से तलाक ले लिया. इस भारतीय दंपति ने 19 साल पहले मुंबई में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की थी. हालांकि दो साल सात महीने पहले इस जोड़े ने अलग अलग रहने का फैसला कर लिया.

कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगाए जाने से ठीक पहले पति, छुट्टी मनाने बाली (इंडोनिशिया) चला गया था. जबकि पत्नी काम के सिलसिले में दुबई रह रही थी. दिसंबर महीने में पति-पत्नी ने आपसी सहमति से तय किया कि उन्हें अलग हो जाना चाहिए.  

बाली स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने तलाक की याचिका और पावर ऑफ अटॉर्नी से जुड़े दस्तावेजों को सत्यापित करने की अनुमति दी. जिसके बाद पति की तरफ से बांद्रा फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दायर की गई. इसके बाद दंपति की वर्चुअल काउंसलिंग की गई और वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश होकर आपसी सहमति की पुष्टि की.

दंपति की तरफ से उनके वकील पीपीली दत्ता ने बताया कि दोनों पिछले दो सालों से अलग रह रहे हैं, इसलिए छह महीने का वेटिंग पीरियड खत्म कर दिया जाए. दत्ता ने कहा कि आपसी सहमति से तलाक की याचिकाओं के मामले में छह महीने की प्रतीक्षा अवधि उनकी यंत्रणा को लंबा खींचने के अलावा कुछ नहीं है.

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दत्ता ने कहा कि वाणिज्य दूतावास छह महीने बाद अंतिम सुनवाई के लिए एक बार फिर पति के दस्तावेजों को सत्यापित करने में सक्षम नहीं हो सकता है. 

 

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