महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को दिल्ली में होम सेक्रेटरी अजय भल्ला से मुलाकात की. उन्होंने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की तरफ से महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए 'वसूली रैकेट' के आरोपों की CBI जांच की मांग की. फडणवीस की इस मुलाकात के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत का बयान भी आया है. राउत ने इस मुलाकात पर कहा है कि "आप कागज लेकर घूमते रहिए. लेकिन जब तक हमारे पास बहुमत है, आप हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते."
'ये सब करने से सरकार नहीं गिरेगी'
शिवसेना सांसद संजय राउत से जब दिल्ली में फडणवीस और होम सेक्रेटरी के बीच हुई मुलाकात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "अगर उनको यहां आकर आनंद मिलता है तो उनको आनंद लेने दो. कुछ कागज लेकर आते हैं. कुछ फाइल लेकर आते हैं. महाराष्ट्र की सरकार को काम करने दीजिए. ये सब करने से सरकार नहीं गिरेगी."
उन्होंने आगे कहा, "कागज में कुछ नहीं हैं. वो जो कागज फड़फड़ा रहे हैं, उस कागज में कोई दम नहीं है. हां, अगर गृह सचिव विशेष अध्ययन अभ्यास करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. हमें कोई तकलीफ नहीं है."
'हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते'
संजय राउत ने आगे कहा, "लोकतंत्र में हर कोई मुख्यमंत्री दोबारा बनने का ख्वाब देख सकता है. किसी को प्रधानमंत्री बनना है, तो किसी को गृहमंत्री बनना है. किसी को राष्ट्रपति बनना है. लेकिन आज महाराष्ट्र में हमारी सरकार है. हमारे पास बहुमत हैं और बहुमत वाली सरकार को दिल्ली में गिराने की कोशिश नहीं कर सकते. चाहे गृहमंत्री के पास जाइए या प्रधानमंत्री के पास. जब तक आपके पास बहुमत नहीं है, तब तक आप हमारी सरकार का बाल भी बांका नहीं कर सकते. ये जो आप कर रहे हैं यह संविधान के खिलाफ है."
फडणवीस बोले- किसको बचाना चाहती थी सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में होम सेक्रेटरी अजय भल्ला से मुलाकात की. उन्होंने महाराष्ट्र में चल रहे प्रकरण पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने होम सेक्रेटरी से CBI जांच की मांग भी की है.
उन्होंने कहा, "मैं इतना ही मानता हूं कि ये जो सारा मसला है, इस मसले में इस रिपोर्ट को 25 अगस्त 2020 से लेकर अभी तक क्यों दबाकर रखा गया. उस पर क्यों कार्रवाई नहीं हुई. इतने गंभीर बातचीत थी, ऐसे गंभीर मसलों से जुड़े लोगों पर सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की."
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन डीजीपी की सिफारिश क्यों नहीं मानी गई. उन्होंने सीआईडी से जांच की मांग की थी तो इस मांग को क्यों रोका गया. सवाल ये उठता है कि सरकार आखिर किसको बचाना चाहती थी. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने भी फाइल देखी है.
परमबीर सिंह ने क्या आरोप लगाए थे?
परमबीर सिंह के ट्रांसफर के बाद एक चिट्ठी सामने आई थी, जो उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी थी. परमबीर सिंह ने इस चिट्ठी में दावा किया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने API सचिन वाजे से हर महीने सौ करोड़ रुपये की मांग की थी, जो मुंबई के अलग-अलग क्षेत्रों से वसूले जाने थे. पहले इस चिट्ठी की सत्यता पर सवाल हुआ था, लेकिन परमबीर सिंह ने बाद में खुद कहा कि ये चिट्ठी उनकी ही है.