महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक दुर्लभ और संरक्षित प्रजाति के माउस डियर (चिवरोटेन) के शिकार का मामला सामने आया है. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद शिकार करने के आरोपी 25 वर्षीय युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में पुलिस और वन विभाग की जांच-पड़ताल के बाद आरोपी की पहचान हुई. उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
एजेंसी के अनुसार, ठाणे जिले के अंबरनाथ क्षेत्र में बीते 23 सितंबर को वन विभाग के अधिकारियों ने घायल माउस डियर को बरामद किया था. अधिकारियों का कहना है कि हिरन को पेलेट गन से गोली मारी गई थी. घायल हिरन को विभाग के लोगों ने बचाने की पूरी कोशिश की. उसे तुरंत इलाज के लिए संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के वन्यजीव अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई.
इसके बाद उसका पोस्टमॉर्टम कराया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में माउस डियर के शरीर पर पेलेट गन की गोलियों के निशान पाए गए. इसके बाद वन विभाग ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की.
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इस मामले की जांच-पड़ताल में जुटे अधिकारियों ने सबूतों के आधार पर अंबरनाथ के रहने वाले जगदीश वाघ की पहचान की. जगदीश के मोबाइल में विभिन्न जानवरों के शिकार की तस्वीरें भी मिलीं. इसके आधार पर जगदीश को गिरफ्तार कर लिया गया.
वन विभाग के सहायक संरक्षक गणेश सोंटके ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी 19 अक्टूबर को की गई. इस मामले में अन्य संभावित आरोपियों की पहचान के लिए जांच की जा रही है.
क्या है माउस डियर?
माउस डियर हिरण की एक बहुत ही छोटी और दुर्लभ प्रजाति है. इसे Chevrotain कहा जाता है. यह जीव भारत में संरक्षित श्रेणी में आता है और इसके शिकार पर सख्त प्रतिबंध है. यह जीव अपनी छोटी कद-काठी के कारण माउस (चूहे) जैसा दिखाई देता है.
माउस डियर के नुकीले और छोटे दांत होते हैं, जो इन्हें अन्य हिरणों से अलग बनाते हैं. इनका मुख्य भोजन पत्ते, फल और छोटे पौधे होते हैं. ये घने जंगलों में पाए जाते हैं. भारत में इन्हें दक्षिणी राज्य जैसे केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के जंगलों में देखा जा सकता है. यह प्रजाति काफी दुर्लभ हो गई है और इसका शिकार किया जाता रहा है.