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राउत बोले- ठाकरे और पवार महाराष्ट्र का ब्रांड, इसे नष्ट करने की कोशिश

संजय राउत ने कहा, ठाकरे महाराष्ट्र के आत्मसम्मान का ब्रांड है. ऐसे ही दूसरा ब्रांड पवार हैं. इसी ब्रांड को नष्ट करने और मुंबई को हथियाने की साजिश चल रही है. यहां तक कि राज ठाकरे भी इसी ठाकरे ब्रांड के हिस्सा हैं. शिवसेना के साथ कुछ विचारधारा को लेकर मतभेद है लेकिन महाराष्ट्र में ठाकरे ब्रांड हमेशा रहेगा.

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संजय राउत
संजय राउत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सामना में संजय राउत का कंगना पर निशाना
  • कंगना के बयान को बिहार चुनाव से जोड़ा
  • राज ठाकरे को भी महाराष्ट्र का ब्रांड बताया

शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर एक्ट्रेस कंगना रनौत पर हमला बोला है. संजय राउत ने अपनी पार्टी के मुखपत्र सामना में उन लोगों को भी आड़े हाथ लिया है जिन्होंने कंगना रनौत का समर्थन किया है. 

संजय राउत ने कहा, यह दुर्भाग्य की बात है कि महाराष्ट्र की मुख्य विपक्षी पार्टी वैसे लोगों के पीछे खड़ी है जो मुंबई को पाकिस्तान और नगर निगम को बाबर आर्मी कहते हैं. कंगना का समर्थन कर बिहार का चुनाव जीतना है. राउत ने सामना में कहा है कि कंगना का समर्थन कर बिहार चुनाव में अगड़ी जाति के राजपूत और क्षत्रीय वोट को प्राप्त करना है. इसके लिए महाराष्ट्र की बेइज्जती भी की जाएगी. यह नीति वैसे लोगों की है जो खुद को राष्ट्रवादी बोलते हैं. दिल्ली में कोई भी मराठी मंत्री इसे बुरा नहीं मान रहा और न इस्तीफा देने की सोच रहा है.

संजय राउत ने कहा, ठाकरे महाराष्ट्र के आत्मसम्मान का ब्रांड है. ऐसे ही दूसरा ब्रांड पवार हैं. इसी ब्रांड को नष्ट करने और मुंबई को हथियाने की साजिश चल रही है. यहां तक कि राज ठाकरे भी इसी ठाकरे ब्रांड के हिस्सा हैं. शिवसेना के साथ कुछ विचारधारा को लेकर मतभेद है लेकिन महाराष्ट्र में ठाकरे ब्रांड हमेशा रहेगा.  

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कंगना रनौत के बारे में संजय राउत ने कहा, एक एक्ट्रेस मुंबई में बैठकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ अनादर की भाषा बोल रही है. वह चुनौती दे रही है और आप उम्मीद करते हैं कि लोग प्रतिक्रिया न दें. यह किस प्रकार की एकतरफा आजादी है? उन्होंने अपने अवैध निर्माण को पाकिस्तान और सर्जिकल स्ट्राइक के साथ जोड़ा. यह कैसा खेल चल रहा है? मुंबई की कम से कम आधी फिल्म इंडस्ट्री को इस पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी. उन्हें आगे आकर बोलना चाहिए कि यह विचार फिल्म इंडस्ट्री के नहीं हैं. कम से कम अक्षय कुमार को ऐसा जरूर कहना चाहिए. लेकिन कुछ लोग मुंबई के लिए अपनी भावना जाहिर करने में भी दुख समझते हैं. ऐसे लोगों के लिए मुंबई सिर्फ कमाने का जरिया है. किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मुंबई के साथ कोई दुराचार करे.

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