राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजीत पवार शुक्रवार शाम करीब 5 बजे से नॉट रीचेबल यानी पहुंच से बाहर थे. साथ ही एनसीपी के 7 से 8 विधायकों से भी संपर्क नहीं होने की खबरें सामने आईं थीं. इसे लेकर महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में अटकलें लगनी शुरू हो गईं. हालांकि खुद अजीत पवार और एनसीपी चीफ शरद पवार ने अटकलों पर विराम लगा दिया है.
जब अजीत पवार से पूछा गया कि आप कल से अचानक नॉट रीचेबल क्यों हो गए थे. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आप लोग भी इंसान हो. काम करते हो और जब थक जाते हो तो आराम करते हो. कल मैं भी जब अपने नियोजित कार्यक्रम के लिए निकला, तब मुझे एसिडिटी की तकलीफ हुई. पिछले कूछ दिनों से सोने में देरी हो रही थी.
अजीत ने कहा कि मैं अस्वस्थ था, इसलिए मैंने शुक्रवार को होने वाले दौरे और कार्यक्रम रद्द कर दिए. पिछले कुछ दिनों में मैंने पूरे महाराष्ट्र में यात्रा की है और पर्याप्त आराम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि मैं भी इंसान हूं. स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. मीडिया को ऐसे समय में अटकलें बंद करनी चाहिए और कोई भी खबर प्रकाशित करने से पहले उसे सत्यापित करना चाहिए. हम सार्वजनिक लोग हैं, लेकिन हमें इस तरह से बदनाम करना गलत है. वे शनिवार को पुणे जिले के पिंपरी में अपनी पत्नी के साथ ज्वेलरी शॉप का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे.
वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार से जब अजीत पवार के नॉट रीचेबल और फोन पर संपर्क नहीं होने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका क्या मतलब है? सुप्रिया सुले आपसे संपर्क नहीं कर सकती हैं, लेकिन वह घर पर हैं. शरद पवार ने कहा कि एनसीपी के 7-8 विधायकों से मैंने संपर्क नहीं किया है. लेकिन नॉट रीचेबल होना कोई बड़ी बात नहीं है. अगर मैं पालघर जाऊं तो आप कहेंगे कि मैं भी नॉट रीचेबल हो गया हूं. साथ ही कहा कि अजीत मेरे संपर्क में हैं.
अजीत के नॉट रीचेबल होने से क्यों लगीं सियासी अटकलें?
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के सत्ताधारी गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला था. जनादेश के बाद सरकार बनाने की कसरत शुरू हुई तो उद्धव ठाकरे के सीएम के राग ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दीं थीं. कुछ दिनों के सन्नाटे के बाद सुबह-सुबह महाराष्ट्र से आई एक तस्वीर ने सूर्योदय के साथ ही पूरे देश में हलचल मचा दी थी. वह तस्वीर थी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम पद की शपथ लेते अजीत पवार की. दरअसल, तब एनसीपी नेता अजीत पवार ने बीजेपी के साथ मिलकर पूरा गेम ही पलट दिया था. तब अजीत ने कहा था कि चुनाव के परिणाम आने के बाद कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाई. इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया.
2019 में शिवसेना ने तोड़ा था बीजेपी ने गठबंधन
महाराष्ट्र में 2019 में विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे. राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया था.